Gaz-974--LAW 2018 152 Leg and 153
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झारखड गजट असाधारण अंक झारखड सरकार वारा काशत 19 आिवन, 1940 (श०) संया– 974 राँची , गुवार, 11 अटूबर, 2018 (ई०) वध (वधान) वभाग ------------ अधसचनाू 11 अटूबर, 2018 संया-एल०जी०-22 /2018 -152 /लेज०--झारखंड वधान मंडल का ननलखत अधनयम िजस पर माननीया रायपाल दनांक-06 /10 /2018 को अनमतु दे चुकं है, इसके वारा सवसाधारण क सचनाू के लए काशत कया जाता है । राधा गोिवद िविवालय अिधिनयम , 2018 (झारखड अधनयम संया- 14, 2018) तातावनावना झारखड राय म राधा गोिवद िविवालय क थापना एवं समावेश के िलए और उससे सब एक िनजी िविवालय के आनुषंिगक मामल क िथित दान करने हेतु एक अिधिनयम ; जबक यह समयोिचत है क रामगढ, झारखड से सृिजत एवं पंजीकृत राधा गोिवद िशा वाय ट, रामगढ, गौशाला रोड, िवकाश नगर, रामगढ (पंिजयन संया 2555/30 दनांक-19.08.2013) ारा ायोिजत 2 ( झारखड गजट असाधारण ) गुवार , 11 अटूबर , 201 8 राधा गोिवद िविवालय , रामगढ , झारखड क थापना तथा समावेशन और उसके अनुप िनजी िविवालय का दजा दान करने हेतु और उससे संब आनुषंिगक मामल के संदभ म आवयक है। एतारा भारतीय गणराय के उहतरव वष म झारखड िवधान -सभा ारा िनिलिखत प म अिधिनयिमत कया जाता हैः ारंिभक 1. संि नामनामनाम , िवतार एवं ारंभः - 1) यह अिधिनयम " राधा गोिवद िविवालय अिधिनअिधिनयमयमयमयम , 2018 " कहा जाएगा। 2) इसका िवतार सपूण झारखड राय म होगा। 3) यह उस ितिथ से वृत होगा जैसा क राय सरकार ारा शासकय राजप म अिधसूचना जारी कर िनयत कया जाय। 2. परभाषा :- अगर इस अिधिनयम के संदभ म अयथा अपेित /आवयक होः (क) ’अकादिमक परषद्’ का अथ है िविवालय क अकादिमक परषद् जैसा क अिधिनयम क धारा -24 म वणत है; (ख) ‘वाषक ितवेदन ’ का आशय है िविवालय का वाषक ितवेदन जैसा अिधिनयम क धारा -39 म संदभत है; (ग) ‘बंधन ’ बोड’ का अथ है, इस अिधिनयम क धारा -23 के तहत गठत िविवालय का बंधन बोड; (घ) ‘परसर ’ का आशय है िविवालय का ेफल जहाँ यह अविथत है; (ङ) ‘कुलािधपित ’ से आशय है िविवालय के कुलािधपित , जो इस अिधिनयम क धारा -12 के अधीन िनयु ह ; (च) ’मुय िव एवं लेखा पदािधकारी ’ का अथ है िविवालय के मुय िव एवं लेखा पदािधकारी जो अिधिनयम क धारा -18 के अधीन िनयु ह ; (छ) ‘परीा िनयंक ’ का अथ है िविवालय के परीा िनयंक , िजनक िनयुि अिधिनयम क धारा -19 के अधीन ई हो ; झारखड गजट (असाधारण ) गुवार , 11 अटूबर , 201 8 3 (ज) ‘अंगीभूत महािवालय ’ से आशय है वैसे महािवालय अथवा संथान जो िविवालय ारा संपोिषत ह ; (झ) ‘कमचारी ’ से आशय है िविवालय ारा िनयु कमचारी ; इसके अतगत िविवालय एवं अंगीभूत महािवालय के िशक एवं अय कमचारी भी समािहत ह; (ञ) ‘थायी िनिध ’ का अथ है िविवालय क थायी िनिध िजसक थापना अिधिनयम क धारा -37 के तहत ई हो ; (ट) ‘संकाय ’ से आशय है समान अनुशासन के अकादिमक िवभाग ; (ठ) ‘शुक ’ का आशय है िविवालय ारा िवाथय से उगाही गयी रािश , जो कसी पाम तथा उससे संबंिधत हो ; (ड) ‘सामाय िनिध ’ से आशय है िविवालय क सामाय िनिध , िजसक थापना अिधिनयम क धारा -38 के अतगत ई हो ; (ढ) ‘शासी िनकाय ’ का अथ है िविवालय का शासी िनकाय , िजसका गठन अिधिनयम क धारा -22 के तहत आ हो ; (ण) ‘राीय मूयांकन एवं यायन परषद् से आशय है राीय मूयांकन एवं यायन परषद्, बगलु , िविवालय अनुदान आयोग क एक वाय संथा ; (त) ‘िविहत ’/’ िनयत ’ का अथ है इस अिधिनयम के तहत िविहत /िनयत परिनयम और िनयमावली ; (थ) ‘ित -कुलपित ’ का अथ है िविवालय के ित कुलपित , िजनक िनयुि अिधिनयम क धारा -15 के तहत ई हो ; (द) ‘कुलसिचव ’ का अथ है िविवालय के कुलसिचव , िजनक िनयुि अिधिनयम क धारा -17 के तहत ई हो ; (ध) ‘िनयंी िनकाय ’ का आशय है भारत सरकार ारा उ िशा के अकादिमक तर के सुिनयन हेतु मानक एवं शत के िनधारण के िलए थािपत िनकाय , यथा -िविवालय अनुदान आयोग , अिखल भारतीय तकनीक िशा परषद्, राीय िशक िशा परषद्, भारतीय िचकसा परषद्, बार काउंिसल ऑफ इंिडया , फामसी काउंिसल ऑफ इंिडया , राीय मूयांकन एवं यायन परषद्, भारतीय नसग परषद्, भारतीय कृिष अनुसंधान परषद्, वैािनक एवं औोिगक शोध परषद् आद तथा इसके अलावा सरकार अथवा कोई वैसा िनकाय , जो भारत सरकार या राय सरकार ारा गठत कया गया हो ; (न) ‘िनयमावली ’ से आशय है इस अिधिनयम के अतगत िनमत िनयमावली ; 4 ( झारखड गजट असाधारण ) गुवार , 11 अटूबर , 201 8 (प) ‘अनुसूची ’ का अथ है इस अिधिनयम के तहत संल अनुसूची ; (फ) िविवालय से संबंिधत ‘वतक िनकाय ’ का अथ हैः - (i) सोसाइटीज रिजेशन एट , 1860 के अतगत कोई संथा , अथवा (ii) इंिडयन ट एट , 1882 के अधीन पंजीकृत कोई लोक यास , अथवा (iii) कसी राय क िविध के अनुप पंजीकृत कोई संथा या यास। (ब) ‘राय सरकार ’ से आशय है झारखड क राय सरकार ; (भ) ‘परिनयम ’ ’ अयादेश ’ और ‘िविनयम ' का मशः आशय है, परिनयम , अयादेश और िविनयम जो इस अिधिनयम के अतगत िविवालय ारा िनमत ह ; (म) ‘िविवालय के िवाथ ’ का अथ है िविवालय म उपािध , िडलोमा अथवा िविवालय ारा थािपत अय अकादिमक िविशता ा करने हेतु एक पाम म नामांकत ि , िजसम शोध -उपािध भी शािमल है; (य) ‘िशक ’ से आशय है ोफेसर , एसोिसएट ोफेसर , अिसटेट ोफेसर अथवा इस तरह के अय ि , िजनक िनयुि िविवालय या कसी अंगीभूत महािवालय या संथा म िनदिशत करने (िशण ) अथवा शोधकाय संचालन हेतु ई हो , इसके तहत अंगीभूत महािवालय अथवा संथान के धानाचाय भी सिमिलत ह, िजनक संपुि िविवालय अनुदान आयोग ारा िनधारत िनयम के अतगत ई हो ; (र) ‘िविवालय अनुदान आयोग ’ से आशय है िविवालय अनुदान आयोग अिधिनयम , 1956 के अधीन थािपत िविवालय अनुदान आयोग ; (ल) ‘िविवालय ’ का अथ है इस अिधिनयम के अतगत झारखड म थािपत राधा गोिवद िविवालय ; (व) ‘कुलपित ’ से आशय है िविवालय के कुलपित , िजनक िनयुि इस अिधिनयम क धारा -13 के तहत ई हो ; (श) ‘िविजटर ’/‘ अितिथ ’/’ आगंतुक ’ से आशय है िविवालय के िविजटर /अितिथ /आगंतुक यथा इस अिधिनयम क धारा -10 म वणत है। 3. िविवालय क थापना :- (1) िविवालय क थापना राधा गोिवद िविवालय के नाम से होगी। (2) िविवालय का मुयालय झारखड राय के अतगत होगा तथा यह रामगढ म अविथत होगा। झारखड गजट (असाधारण ) गुवार , 11 अटूबर , 201 8 5 (3) वतक िनकाय को राय सरकार ारा ािधकार प जारी कये जाने के बाद ही िविवालय का संचालन आरंभ कया जायेगा। (4) इस अिधिनयम क अनुसूची ’ए’ म सिमिलत शत को िविवालय िनधारत समयाविध म पूरा करेगा। (5) िविवालय के शासी िनकाय , बंधन बोड, अकादिमक परषद्, कुलािधपित , कुलपित , ित कुलपित , कुलसिचव , िशक , मुय िव एवं लेखा पदािधकारी एवं अय अिधकारी या सदय या ािधकारी एतारा िविवालय के नाम से गठत िनकाय बनाएंगे जब तक वे इस पद पर है अथवा उनकसदयता बनी रहेगी। (6) िविवालय एक असब िविवालय के प म काय करगे और वे कसी भी महािवालय या संथान म नामांकत िवाथय को उपािध (िडी ), िडलोमा और माण -प दान करने हेतु सबता नह दे सकगे। (7) इस अिधिनयम के भावी होने के पूव वतक िनकाय के अंगीभूत महािवालय और संथान , जो सबता ा ह और िविवालय के िवशेषािधकार का उपयोग कर रहे ह वे इस अिधिनयम के भावी होने के साथ ही उस िविवालय से असब हो जाएंगे, उनक ऐसी सुिवधाएँ इस अिधिनयम के लागू होने के साथ समा हो जाएंगी और राधा गोिवद िविवालय के वतक िनकाय ारा द सुिवधा के साथ ऐसे महािवालय और संथान उस राधा गोिवद िविवालय के अंगीभूत महािवालय या संथान बन जाएंगे। (8) राधा गोिवद िविवालय नाम से एक िनकाय होगा और इस अिधिनयम के ावधान के अनुप उसके पास सतत् पद -ाि अनुम और सामाय िता माणन क शि होगी , सपित हण करने व उस पर आिधपय रखने, उसे अनुबंध /संिवदा पर देने अथवा किथत नाम से वाद चलाने के अिधकार हगे या िजस पर वाद दायर कया जा सकेगा। (9) िविवालय राय सरकार अथवा के सरकार से कसी भी कार के अनुदान अथवा िवीय सहायता ा नह कर सकगे। बशत क राय सरकार अथवा के सरकार अनुदान या अय तरीके से िवीय सहायता दे सकती हैः (a) शोध िवकास और अय गितिविधय के िलए जैसे राय सरकार के अय संगठन को िवीय सहायता उपलध करायी जाती है अथवा (b) िविश शोध अथवा कायम आधारत कोई गितिविध ; 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