Regarding Statement by the Minister of Defence on the Report by Shri Shyam Saran, Chairman, National Security Advisory Board
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> Title: Regarding statement by the Minister of Defence on the report by Shri Shyam Saran, Chairman, National Security Advisory Board. शी यशवंत िसहा (हज़ारीबाग): माननीय सभापित महोदय, कल शाम को मन े इसी सदन म प उठाया था जो राीय सुरा का एक गभं ीर मुा ह ै िक चीन ने हमारी भिू म पर कजा कर िलया है मन े एक रपोट का हवाला िदया था जो िक पधानमंती जी के िवशेष दूत शी याम संरन ने लाख के भमण के बाद उनको सपी थी मन े यह मांग क थी, शायद गलती क थी यिक रा मंती का इस तरह बयान आया है मुझे लगा िक गलती मन े इसिलए क यिक जो बयान रा मंती जी का आया ह ै उसम बात छु पाई गई ह और सचाई को दबाया गया है हम सब जानते ह, चंिू क अगं जे ी भाषा ऐसी भाषा ह ै िजसम अगर कु छ बात कह दी जाए तो तयामक िकोण से नह कह सकते िक यह गलत ह ै लेिकन सचाई छु पाने के िलए वह काफ है इसी पकार अगं जे ी भाषा का पयोग करते हए सचाई को छु पाने का पयास िकया गया महोदय, मन े गौर से इस टेटमट को देखा है म आपके मायम से मंती महोदय का यान एक खास वाय क ओर िदलाना चाहता हं जो उनके बयान म ह:ै -/ "I would like to state categorically that Shri Shyam Saran has not stated in this report that China has occupied, or has denied access to India to any part of Indian territory." 20.42 hrs (Shri P.C. Chacko in the Chair) China has not occupied or denied access to India to any part of Indian territory. On the face of it, ऐसा लगता ह ै िक उहने िबकु ल सही कहा है अब चीन ने िलिखत या िदया ह ै िक आप नह जा सकते ह चीन ने नोट पर बल िदया ह ै िक आप नह जा सकते ह, चीन ने सचाई म, यथाथ म जमीन पर यह कर िदया है यह जो बात ह ै इसे मंती महोदय अपने बयान म छु पा गए ह हम सब जानते ह िक हमारी एक अडं रटि डंग लाइन आफ एचुअल कं टोल क ह ै और शायद चीन क दूसरी है ईटन लाख, िजस इलाके के बारे म हम चचा कर रहे ह, चीन लाइन आफ एचुअल कं टोल उसे मानता ह ै जो उस समय के चीनी पधानमंती चाओ एन लाई ने हमारे पधानमंती जवाहर लाल नेह को पत िलखकर 7 जनवरी, 1959 को भेजा था उसम उहने एक लाइन का िजक िकया था, चाइनीज मानते ह िक यही लाइन आफ एचुअल कं टोल है हमारे यहां सरकारी पदािधकारय का चाइना टडी गपु ह,ै इसम िमिलटी पदािधकारी भी ह इस गपु ने 1976 म तय िकया था िक 1962 क लड़ाई क सचाई के आधार पर लाइन आफ एचुअल कं टोल या है हम इसे लाइन आफ कं टोल नह कहते ह जसै े पािकतान क सीमा को लाइन आफ कं टोल कहते ह यह लाइन आफ एचुअल कं टोल ह ै जहां दोन आमज 1962 यु के बाद आमने सामने रही, यह वही लाइन आफ एचुअल कं टोल है उस मंतालय को छोड़े बहत िदन हो गए ह, म याात से बोल रहा हं िक लाइन आफ कं टोल हमारा है यह उनका लाइन आफ कं टोल 1959 का ह ै जो इंिडया-चीन यु 1962 म हआ था यह उसके पहले का है उसके बाद बहत सारे एगीमै स हए, 1966 का एगीमै ट हआ और 2005 का एक पोटोकोल ह,ै िजस पोटोकोल के अनुसार अगर पटै ोिलंग करते समय दोन देश क आम आमने-सामने आ जाए तो उस परिथित म हम या करग,े इसके बारे म 2005 का पोटोकोल है उसम एक तो यह ह ै िक िहंसा नह करग,े एक-दूसरे के ऊपर आकमण नह करग,े िवदडा कर जायग ,े अपने देश के पितिनिधय को बतायग ,े व े इसके बारे म चचा करगे लेिकन उसम एक बहत महवपणू बात ह ै और वह यह ह ै िक यह जो इलाका ह,ै इसम कोई कं ट शन नह होगा, इसम कोई कं ट शन न हम करग े और न व े करगे 2005 का बॉडर पोटोकोल यही कहता है अभी हाल म अपलै म जब िडपसांग म चीनी सेना घसु आई थी, हम सब जानते ह िक व े 20 या 25 िकलोमीटर हमारी भिू म के अदं र, सीमाओ ं के अदं र आ गय े थे और उहने कै प लगा िदया था, कै प लगाया था, एक ट चर बनाया था, जो 2005 के बॉडर पोटोकोल का खलु ा उलंघन था और हम कु छ सकपकाय े रहे, हम हेिजटेट करते रहे, हमने इसका मुकाबला नह िकया और बहत िदन के बाद जब उनक मज म आया तब व े वहां से हटे, वहां से वापस गये हमने उह हटाने के िलए कु छ नह िकया व े वय ं आय,े हम एक संदेश िदया और वह संदेश या था, वह संदेश यह था िक हम जो चाहे वह कर सकते ह और अगर तुममे िहमत ह ै तो हतेप करके देख लो और हमने िहमत नह िदखाई जब उनक मज म आया, तब व े वहां से गये महोदय, म मंती महोदय से िबकु ल प जानना चाहता हं िक यह जो चाइना का इनकशन हआ, मेरी जानकारी यह ह ै िक एक िडपसांग बज ह,ै जो मपै म इस तरह का इलाका ह,ै िजसे बज कहते ह वह हमारा इलाका था, आज वह हमारे पास नह ह ै और म गभीरता और िजमेदारी के साथ मंती महोदय से आज इस सदन के लोर पर जानना चाहता हं िक या िडपसांग बज आज भारत के िनयतं ण म ह ै या हम उसे खो चुके ह? आप छोड़ दीिजए 570, 540 या 640 कवायर िकलोमीटस ह ै या िकतना था, कल म गलत था कल मन े कहा था िक 640 कवायर िकलोमीटस चीन ने कजा कर िलया है जब मन े इसक तहककात क तो मुझे पता चला िक उहने जो हरकत लाइन ऑफ एचुअल कं टोल पर क ह,ै उसम एचुअली 750 कवायर िकलोमीटस का इलाका उहने ऐसा कर िदया ह ै िक भारत क आम के पटै ोल वहां नह जा सकते और उहने इसी तरह 2005 के पोटोकोल का वायलेशन करते हए या िकया ह,ै एक टकै जंशन ह ै और म मंती महोदय से इसके बारे म जानकारी चाहता हं िक दौलत बगे ओडी के पास एक टकै जंशन ह,ै उस टकै जंशन म उहने एक सड़क बनाई ह,ै जो मोटरेबल है चाइना क आम मोटराइड टसं पोट म उस रोड का इतेमाल करती ह ै और उस रोड का असर यह पड़ा ह ै िक हमने जसै ा कहा िक 750 वायर िकलोमीटस िजसम हमारी सेना पटै ोिलंग कर सकती थी, उससे आज के िदन हम विं चत ह यह कै से हआ, कब हआ? इसके अलावा जो चुमार इलाका ह,ै वहां पर भी हम पटै ोिलंग करते थे वहां पर वाइंस मपै म िदए हए ह - 10, 11, 11ए और 13 जहां हम जाते थे, हमारी सेना पटै ोिलंग करते हए जाती थी, परंतु आज हम वहां पर नह जा सकते ह, यिक चीन ने रोक िदया ह,ै उसक फौज वहां पर खड़ी है अब वह वहां य खड़ी ह,ै यिक एक पाकनाला ह,ै उस पाकनाला से आग े जाने से उहने हम रोक िदया ह ै तो हम उन वाइंस पर नह जा सकते ह िफर हम सब जानते ह िक एक पग ग चो लेक ह,ै िजसम एक वीजाप एरया ह,ै वहां पर चीन आज डॉिमनेट कर रहा ह,ै उसने all along the Line of Actual Control अपनी पोिज़शंस को टथन िकया है वह यादा आकामक भिू मका म आ गया है बार-बार हमारी भिू म के अदं र, सीमा के अदं र जो incursion हो रहा ह,ै वह इसीिलए हो रहा ह,ै यिक चीन क फौज ने वहां पर ताकत बनाई ह ै और हमने ताकत नह बनाई है इसीिलए पधान मंती जी ने शी याम सरन, जो उनके िवशेष दूत ह, उनको भेजा िक लाख का जो एरया ह,ै वहां से ले कर नॉथ-ईट तक आप जाइए और परू े Line of Actual Control को देिखए यह सही ह,ै जसै ा मंती महोदय ने कहा िक उसम यही मुा था िक इंफाट चर के िकोण से आप देिखए हम सब जानते ह, हम लोग जब सरकार म थे, तो हमने शुआत क थी िक वहां इंफाटचर मज़बतू हो मुलायम िसंह जी जब िडफ स िमिनटर थे, इहने कोिशश क थी िक वहां इंफाट चर मज़बतू हो लेिकन हमसे बहत तेज़ी से आगे बढ़ते हए, चीन ने अपने इंफाट चर को मज़बतू कर िलया और हम अभी भी बहत पीछे ह उसका नतीजा या हो रहा ह?ै चीन के इंफाट चर के कारण, उसको सुिवधा यादा है व े जहां चाह वहां आसानी से जा सकते ह हमारे पास म साधन नह ह अभी भी हम बहत सारे इलाके म mule trains पर िडपड करते ह जहां वे कु छ घटं म पहंच सकते ह, वहां हमको पहंचने 15 िदन लगते ह सब िमला-जुला कर याम शरण जी को यह देखने के िलए भेजा गया िक ईटन लाख का यह जो इलाका ह,ै इसम इंफाट चर को देख और सब बात को देख मेरी अपनी जानकारी ह ै और म मंती महोदय से कहना चाहंगा, यिक इहने कहा था िक याम शरण 2-9 अगत, 2013 को गए थे और लौट कर उहने एक रपोट सिमट क थी, जो इनके मंतालय को 2nd September, 2013 को पधान मंती कायालय से भेजा गया लगभग एक महीने के बाद लेिकन म जानता हँ िक याम शरण जी ने लौटने के बाद यिगत प से पधान मंती जी से 10 अगत को िमल कर इन सारी बात क चचा क थी िक कै से यह परू ा एरया जो ह,ै उस इलाके म there is Chinese domination at Line of Actual Control.