ALL INDIA CONGRESS COMMITTEE 24, AKBAR ROAD, NEW DELHI COMMUNICATION DEPARTMENT Highlights of the Press Briefing 13 March, 2019 Shri Randeep Singh Surjewala, In-charge Communications Department, AICC addressed the media today at AICC Hdqrs. बोधित करते हुए कहा कक आज एकﴂसुरजेवाला ने पत्रकारⴂ को स ﴂश्री रणदीप ससह महत्वपूर् ण ववषय लेकर हम सब आपके बीच मᴂ आए हℂ। ‘ना रोटी, ना रोजगार, अर्णव्यवस्र्ा का हो गया बंटाधार, मोदी जी अब झोला उठाकर, हो जाईए जाने को तैयार’। Modinomics has become synonym with Pakodanomics in this country. So, no jobs, no vote for BJP. That is the Mantra for 2019 elections. Friends, Modi Government is the single biggest destroyer of jobs, of hope and future of India’s youth. PM Modi came to power promising 2 crore jobs a year. Five years down the line, joblessness and unemployment are at a 45 year high and I want to give you 9-10 important indices. Economic Growth is at a 5 year low. Farm Income Growth is at a 14 year low. Fresh investments are at a 14 year low. Private Investments are at a 7 year low. Industrial Growth is at a low of 1.7% (down from 7.5%, a year ago). Household Savings are at a 20 year low. FDI Growth is at a 5 year low. Core Sector Growth is at a 2 year low. Growth of Exports (compared to UPA) has fallen by 15 times. (393% during UPA to 26% under Modi Govt). This is a government that sets up new loss in every sphere and consequently is leading to wide spread job losses. Jobs are the single biggest crisis facing India’s Youth.As per CMIE's survey, unemployment rate has touched 7.2%. As per National Sample Survey Office (NSSO) Report, unemployment rate is at 6.1%. Unemployment rate for the youth is at an alarming high level of 13-27%. This is the highest in the last 45 years. Prime Minister Modi is the single biggest destroyer of jobs. 1 मोदी सरकार इस देश मᴂ बेरोजगारी का पयाणय बन गई है, बेरोजगारी का सबब बन गई है। मोदी जी ने ना के वल देश मᴂ रोजगार और रोटी खत्म की, परंतु देश के युवाओं की उ륍मीद और भववष्य की अभभलाषा, उन दोनⴂ का भी हनन ककया है। मोदी जी जब सत्ता मᴂ आए र्े, तो सबसे बडा नारा र्ा- 2 करोड रोजगार हर वष ण दंगू ा। परंतु 45 साल मᴂ बेरोजगारी आज सबसे बड े पायदान पर है। आज देश मᴂ युवाओं के सामने सबसे बडा संकट रोटी, रोजगार और नौकरी का है। सᴂटर फॉर मॉननटररगं ऑफ इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के मुताबबक आज भारत मᴂ बेरोजगारी की दर 7.2 प्रनतशत है। भारत सरकार के ‘नेशनल सपᴂ ल सवे’ के मुताबबक भी बेरोजगारी की दर 6.1 प्रनतशत है। खासतौर से युवाओं मᴂ बेरोजगारी की दर 13 प्रनतशत से 27 प्रनतशत तक है। रोटी है नहीं, रोजगार है नहीं, युवा भशक्षित हℂ, गुर्ी हℂ, उनमᴂ उमंग है, आगे बढ़ने की आकांिा और ई楍छा है, परंतु मोदी सरकार ने उनकी रोजी, रोटी छीन ली है और इसभलए मोदी जी नौकररयⴂ को खत्म करने वाले, as a destroyer of jobs, पहले प्रधानमंत्री बन गए हℂ। नंबर एक, नोटबंदी के घोटाले ने अकेले िेढ़ करोड नौकररयााँ खत्म कर दी। छोटे-छोटे लघु, मध्यम उ饍योग जो हℂ, उनसे तीन लाख करोड, यानन जीिीपी का 2 प्रनतशत छीन भलया, जो बचा र्ा, वो एक ill conceived गब्बर भसंह टैक्स, जीएसटी ने। इसने ना केवल रोजगार और धंधे खत्म ककए, परंतु उसके सार्-सार् संगठठत और असंठठत िेत्र के रोजगार भी खत्म कर ठदए। दसू रा, In post demonetisation year, Joblessness amongst Rural males (aged between 15 years to 29 years) has risen from 5% in 2011-12 to 17% in 2017-18. Amongst Rural females (aged between 15 years to 29 years), Joblessness has risen from 4.8% in 2011-12 to 13.6% in 2017-18.[NSSO Report, 2017-18] Similarly, in post demonetisation year, Joblessness amongst Urban males (aged between 15 years to 29 years) surged from 8.1% in 2011-12 to 18.7% in 2017-18 and for Urban females (aged between 15 years to 29 years), it rose from 13.1% to 27.2% in 2017- 18. [NSSO Report, 2017-18] सटᴂ र फॉर मॉननटररगं ऑफ इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसारअके ले 2018 मᴂ 110 लाख नौकररयााँ चली गई। नई नौकररयााँ देना तो दरू , आप तो पहले से जो नौकररयााँ हℂ, 2 उन्हᴂ छीन रहे हℂ। ग्रामीर् अंचल मᴂ तो ये एक कहर की तरह टूटा है। ग्रामीर् अंचल मᴂ अके ले 110 लाख मᴂ से 91 लाख नौकररयााँ चली गई और शहरⴂ मᴂ 18 लाख नौकररयााँ और चकाने वाली बात ये है कक इनमᴂ 88 लाख लडककयााँ और मठहलाएं हℂ, जजनकी नौकररयााँ गई। चौर्ा, Even Modi Govt's Niti Aayog has admitted in Feb 2018 that India is plagued by ‘unsatisfactory jobs & under employment’. As per the ILO, 77% of Indian workers will have vulnerable employment by 2019.The All India Manufacturers’ Organization also said in December 2018 that the sector alone lost 35 lakh jobs since 2016, citing demonetization and GST as the two main reasons. All India Trade Union Congress (AITUC) in July last year said that “a fifth of India’s 6.3 Crore small businesses—contributing 32% to the economy and employing 11.1 Crore people—“faced a 20% fall in profits since the GST rollout, and had to sack hundreds of thousands of workers” पांचवा, जॉब क्राईभसस की क्या हालत है, इसके हम केवल आपको 4 उदाहरर् देना चाहते हℂ। पहला, रेलवे मᴂ 90,000 नौकररयााँ ननकली और पीएचिी से लेकर एम.ए.,एस.सी, एम कफल, तक भशिा प्राप्त 2 करोड 80 लाख युवक और युवनतयⴂ ने क्लॉस सी और क्लॉस िी की नौकररयⴂ के भलए दर्खवाणस्त दी। 90,000 नौकररयााँ और 2 करोड 80 लाख युवा, आवेदक, एक अनार, सौ बीमार। उत्तर प्रदेश मᴂ 386 चपरासी की पोस्टᴂ ननकली, 23 लाख युवाओं ने दर्खवाणस्त दी, 386 चपरासी पोस्टⴂ के भलए 23 लाख नौजवानⴂ ने, युवक, युवनतयⴂ ने दर्खवाणस्त दी। महाराष्र मᴂ 1,137 कॉन्स्टेबल की पोस्ट ननकली, 2 लाख नौजवानⴂ ने जजनमᴂ पीएचिी, एम.बी.बी.एस., एम.बी.ए., एल.एल.बी. र्े, उन्हⴂने दर्खवाणस्त दी। हररयार्ा मᴂ 18,000 चपरासी, माली और चौकीदार की पोस्ट ननकली, 18 हजार पोस्ट के भलए 18 लाख युवाओं ने दर्खवाणस्त दी, जजनमᴂ पीएचिी, एम.बी.ए., एल.एल.बी., एम.इ. मैकेननकल, एम.एस.सी. इत्याठद युवा शाभमल हℂ और उन 18,000 मᴂ से जजन 15,000 की भती हुई, उन 15000 मᴂ से 14,000 या तो पीएचिी हℂ, या एम.इ. मैकेननकल या एमएि हℂ, पोस्ट 3 ग्रेजुएट से above हℂ। यानन अब इस देश मᴂ चपरासी और माली लगने के भलए कम से कम योग्यता एमबीए या एम.इ मैकेननकल होनी चाठहए। ये देश मᴂ बेरोजगारी की हालत है। Modi Govt exudes the virtues of a MUDRA loan but fails to tell the people of India that average size of MUDRA loans for 91% beneficiaries is a mere ₹23,000. 23,000 셁पए मᴂ पकौड े की दकु ान भी नहीं लग सकती है और ना ही पान की। An RTI reply refused to answer the basic question of ‘how many jobs were created under the MUDRA scheme’. Colourful phrases like ‘Skill India’, ‘Start-up India’ & ‘Stand-up India’ have all vanished from PM Modi’s speeches. According to official figures, the placement rate of ‘Skill India’ is a meagre 14.7% that means 93% of people in Skill India have no jobs. Friends, Congress Party is committed to create jobs. The annual demand for new jobs in India is 120 lakhs. भारत मᴂ हर वष ण युवाओं को, युवनतयⴂ को 120 लाख नई नौकररयⴂ की आवश्कता है। मोदी सरकार ने तीन बडे सेक्टर पर हमला ककया। खेती बाडी पर जो सबसे बडा जॉब कक्रयेटर है। इनफोमणल सेक्टर पर, जो दसू रा सबसे बडा जॉब कक्रयेटर है और MSME पर जो तीसरा सबसे बडा जॉब कक्रयेटर है। 90 प्रनतशत इस देश की नौकररयााँ इन तीन सेक्टर मᴂ हℂ। Congress party is committed, Shri Rahul Gandhi Ji is committed to put the Agriculture sector, Informal sector and MSMEs, at the centre of our job creation agenda post 2019 elections. When we will form the Government, besides the rapid expansion of the organized sector by 3 things, Infusion of capital, infusion of new investments and appropriate concessions, time has come to move away from pan pakodanomics of PM Modi to a decisive job centric growth agenda of the Congress Party.
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