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C O N T E N T S

Seventeenth Series, Vol. VI, Second Session, 2019/1941 (Saka) No.17, Tuesday, December 10, 2019/Agrahayana 19, 1941 (Saka)

THE CONSTITUTION (ONE HUNDRED AND TWENTY-SIXTH AMENDMENT) BILL, 2019

Motion to Consider Shri Ravi Shankar Prasad Shri Hibi Eden Dr. Heena Vijaykumar Gavit Shrimati Kanimozhi Karunanidhi Prof. Saugata Ray Shrimati Shri Krupal Balaji Tumane Shri Sunil Kumar Pintu Shri Shri Girish Bhalchandra Bapat Shri Nama Nageswara Rao Shrimati Supriya Sadanand Sule Shri Kodikunnil Suresh Dr. (Prof.) Kirit Premjibhai Solanki 10.12.2019 2

Shri P.R. Natarajan Shri M. Selvaraj Shrimati Dr. Bharati Pravin Pawar Shri N.K. Premachandran Shri P. Raveendranath Kumar Dr. Sanghamitra Maurya Shri D. Ravikumar Shri Sunil Kumar Mondal Shri Ram Mohan Naidu Kinjarapu Shrimati Shrimati Sharmistha Sethi Shrimati Jaskaur Meena Shrimati Sangeeta Azad Shri Benny Behanan Shri Ramulu Pothuganti Shri Adhir Ranjan Chowdhury Clauses 2 and 1 Motion to pass

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LOK SABHA Tuesday, December 10, 2019/Agrahayana 19, 1941 (Saka)

(Hon. Speaker in the Chair)

14.34 hrs CONSTITUTION (ONE HUNDRED TWENTY-SIXTH AMENDMENT) BILL, 2019

माननीय अध्यक्ष: मद सख्ं या 19 ली जाती है । विवि और न्याय मत्रं ी; सचं ार मत्रं ी तथा इलेक्ट्रोवनकी और सूचना प्रौद्योविकी मत्रं ी (श्री रवि शंकर प्रसाद): मैं प्रस्ताव करता ह :ं “कक भारत के सकं वधान का और सशं ोधन करने वाले कवधेयक पर कवचार ककया जाए । ” मैं एक बहुत ही महत्वपूर्ण सकं वधान सशं ोधन कबल लेकर माननीय सदन के सामन े उपकस्ित हुआ ह ।ं जब सकं वधान बना िा तो सकं वधान के कनमाणता बहुत ही गर्ु ी और अनभु वी िे। उन्होंनेभारत को कै सा बनाना है, इसके कलए मौकलक अकधकार कदए, नीकत कनदेशक तत्व कदए, इसके साि सामाकजक न्याय को भी महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया। जैसा डॉ. अ륍बेडकर ने कहा िा –“This Constitution, apart from being a document of empowering , is also a document of social justice.” जहां हमने मौकलक अकधकारों के अंतगणत अन楍ु छेद 14 में इक्वेकलटी की बात कही, अन楍ु छेद 15 में नॉन कडकस्िकमनेशन की बात मकहला, कपछड़े वगण, एससी एसटी के अगेंसट की बात कही, अन楍ु छेद 16 में पकललक ए륍पलाएमेंट में आरक्षर् की बात कही । इसके अलावा उनको लगा कक इस देश के दो समदु ायों को पोकलकटकल ररज़वेशन देना चाकहए । यह समझदारी बहुत ज셂री ह,ै इस पर सकं वधान सभा में बहुत चचाण हुई कक पोकलकटकल ररज़वेशन ककसे देना ह ै । इसके बाद कनर्णय ककया कक सकं वधान की धारा 330 के अंतगणत देश के शैड्यू쥍ड 10.12.2019 4

कास्ट और धारा 332 के अंतगणत शैड्यू쥍ड ट्राइब को आरक्षर् देंगे । यह आरक्षर् कै सा होगा? यह आरक्षर् उस रा煍य में उनकी आबादी के अन셂ु प के प्रकतशत पर होगा । माननीय अध्यक्ष जी, किर यह भी सवाल उठा कक अनसु ूकचत जाकत कौन सी होंगी और अनसु ूकचत जनजाकत कौन सी होंगी? इसका भी सवं ैधाकनक रास्ता कनकाला गया । There will be a Constitutional Order for Scheduled Castes, 1950 and there will be a Constitutional Order for Scheduled Tribes, 1950. उन्होंने यह स्प कहा कक शैड्यूल कास्ट कौन ह ै तो उन्होंने उनकी भी सवं ैधाकनक व्याख्या की और मैं इसको पढ़ देना चाहता ह ं । The Constitution (Scheduled Castes) Order, 1950. मैं क्लॉज-3 पढ़ रहा ह -ं “Notwithstanding anything contained in paragraph 2, no person who professes a religion different from , the Sikh or the Buddhist religion shall be deemed to be a member of a Scheduled Caste.” उसके बाद उन्होंने हर प्रदेश में कौन-कौन शैड्यूल कास्ट्स हैं, उसकी सवं ैधाकनक व्याख्या की। उनके सामने यह दृककोर् स्प िा कक कहन्दू समाज के अंतगणत जो कु रीकतयां आई, ं जो कडकस्िकमनेशन हुआ, उसके मआु वजे के 셂प में हमें यह आरक्षर् देना आवश्यक है । इसी प्रकार वन में रहने के कारर् हमार े जो अनसु ूकचत जनजाकत के भाई-बधं ु हैं, उनकी सूची भी अलग स े बनाई गई । यह जो आरक्षर् कदया गया ह,ै वह पहली बार हर दस साल के कलए प्रासंकगक रहता है । It is relevant for 10 years. बार-बार इसको सवं ैधाकनक सशं ोधनों से बढ़ाया गया । वर्ण 1959 में 20 साल, वर्ण 1969 में 30 साल और वर्ण 2009 में अंकतम बार 70 साल । यह 70 साल की अवकध 25 जनवरी, 2020 को समाप्त हो रही है । अभी हम ऐसा मानते हैं, हमारी सरकार मानती है और सदन भी मानता होगा कक हमार े जो अनसु ूकचत जाकत और अनसु ूकचत जनजाकत के जो बधं ु हैं, हालाकं क उनके जीवन में बहुत सधु ार आया है, किर भी और सधु ार करने की आवश्यकता है । इसकलए, इस आरक्षर् को आने वाले 10 सालों तक अिाणत् 25 जनवरी, 2030 तक चलाया जाए, 10.12.2019 5

यह सशं ोधन लेकर हम आपके समक्ष आए हैं । हमारी स