> Title: Discussion on the Situation arising due to drought and hailstorms in various parts of the country.
MR. DEPUTY-SPEAKER: Now, item No. 29, Shri Shailendra Kumar.
श ी शलै े द कु मार (कौशा बी): माननीय उपा य जी, आपने मुझे िनयम 193 के तहत देश म सखू े और ओलाविृ से उ प न ि थित पर चचा क शु आत करने का जो अवसर प दान िकया, उसके िलए म आपका आभारी ह ं म साथ ही अपने िमत श ी गोपीनाथ मुंडे जी को भी ध यवाद देना चाह ंगा िक उ ह ने भी नोिटस देकर कम से कम इस िवषय पर िच ता य क श ी भत हृ र मेहताब साहब ने भी इस पर नोिटस िदया ह,ै इनको भी म ध यवाद देना चाह ंगा िक य े भी, जब इनक बारी आएगी तो अपनी बात रख गे
आज अगर देखा जाय े तो देश के अ दर िकसान क ि थित बह त ही खराब है ज रत इस बात क ह ै िक िकसान को समाधान और स मान चािहए, लेिकन न तो िकसान क सम या पर कोई समाधान हो रहा ह ै और न ही उ ह स मान िमल रहा है आज अगर देखा जाय े तो परू े देश म , चंिू क भारतवष कृ िष-प धान देश ह,ै परू े देश म 75 फ सदी लोग ह, जो िकसानी-खेती करके अपना जीवन-यापन करते ह और प मुख प से देश के िवकास और अथ यव था म अपनी भागीदारी सुिनि त करते ह, लेिकन उनके समाधान और स मान पर कोई भी सरकार अमल नह करती, न उस पर यान देती है अगर िपछले आकं ड़े देखे जाय तो करीब 2.5 लाख से ऊपर िकसान ने आ मह या क ह और िनर तर यह सं या बढ़ती जा रही है सरकार क तमाम योजनाएं लाग ू तो होती ह, लेिकन प य प से उन िकसान तक न पह ंच पाने के कारण आज िकसान कज म िब कु ल डूब े ह ए ह, कज के बोझ से िब कु ल दबते चले जा रहे ह चंिू क महारा म मराठवाड़ा म सखू े क ि थित बह त ही भयानक ह,ै महारा से हमारे गोपीनाथ मुंडे जी आते ह, िज ह ने नोिटस िदया है हमारे कृ िष मंत ी जी पि मी महारा से आते ह. ..( यवधान) म तो परू ा प देश मानकर चलता ह ं िक कृ िष मंत ी जी का परू ा प देश है जब परू ा देश ह ै तो परू ा प देश भी है मराठवाड़ा क ि थित पर अगर गौर िकया जाय े तो मेरे याल से बह त ही िवकराल और िवकट ि थित है वहां पर अकाल क जसै ी ि थित हो गई है
उपा य जी, बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा ह ै िक अभी वहां पर लोकल तर पर एक फं शन ह आ, रा य सरकार के एक थानीय मंत ी ने वहां पचास हजार लोग को भोजन देने क यव था क वह परू ा ए रया अकाल क ि थित से गजु र रहा है माननीय कृ िष मंत ी जी अपने को िकसान का बटे ा भी कहते ह, म जानता ह ं िक ग ना और शुगर से जुड़े ह ए और सहकारी आ दोलन म आपक अहम् भिू मका रही है इससे पहले भी कई बार इस सदन म चचा ह ई है जहां तक तमाम अवसर पर इस बात को प मुखता से रखा गया था िक रंगराजन कमेटी क प मुख सं तुित को लाग ू िकया जाय,े लेिकन अभी तक सरकार ने उस पर कोई यान नह िदया, जो सीधा ग ना िकसान और चीनी से स बि धत लोग क सम याओ ं क तरफ इंिगत करता है उसम अ य प कार से भी तमाम उपज, जो िकसान करता ह,ै उसक िव ततृ प से चचा उसम क गयी ह,ै लेिकन आज तक सरकार उस पर कोई िवशेष यान नह दे पायी ह,ै चाहे वह रेल बजट हो या िव मंत ी जी का फाइन स बजट हो, हमेशा िनराशाजनक रहा है जब बजट पेश िकया जाता ह,ै खेती, कृ िष और गांव वाल क मदद के नाम पर योजनाएं बजट म नजर आती ह, जो मात चुनावी लाभ लेने के िलए िकया जाता ह,ै अ यथा अगर देखा जाय े तो उपा य जी, उन तक ऐसी िकसी योजना का लाभ नह पह ंच पाता ह,ै िजसके कारण आज िकसान आ मह या करने के िलए मजबरू है महारा के मराठवाड़ा के िकसान ने यह तय कर िलया िक हर िकसान 11 पय े मु यमंत ी को मनी-आड र कर ग े और 30 पए देश के कृ िष मंत ी को मनी-आड र कर ग,े तािक आपके पास जब बजट और भंडार उन पसै का हो जाए, तो उसम कु छ िमलाकर आप मराठवाड़ा या महारा या अनेक तमाम ऐसे ेत ह, जहां ब-े मौसम बा रश के कारण या बा रश न होने के कारण सखू े क ि थित ह,ै उनके िलए आप पेशल पकै े ज या बजट देने का प ावधान कर सक आज महारा ही नह बि क देश के अ य भाग म , चाहे वह म य प देश का बदुं ेलखडं इलाका हो या उ र प देश म कु छ इलाके ह, जहां बा रश नह ह यी, िबहार छ ीसगढ़, झारखडं और ओडीशा आिद ऐसे तमाम इलाके ह, जहां बा रश न होने के कारण सखू े क ि थित है जनरल बजट पेश होने वाला ह,ै यपू ीए टू क सरकार िव बजट पेश करने जा रही ह ै और िकसान टकटक लगाकर देख रहा ह,ै जहां सखू े क ि थित ह,ै ओलाविृ क ि थित आयी ह,ै परू े देश म कोहरे और पाले के कारण जो फसल न ह यी ह, उसका एक जनरल सव कराकर आप कम से कम उनके िलए पेशल पकै े ज क यव था कर , िकसान यह आस लगाकर आने वाले उस बजट का इंतजार कर रहा ह,ै जो इस सदन म 28 तारीख को प तुत होगा िव मंत ी जी, माननीय िचदंबरम साहब हमेशा खेती को ग ोथ इंजन बताते ह हमारा देश जब खेती, िकसानी और कृ िष पर िनभ र ह,ै तो वह ग ोथ इंजन क भाषा जब कहते ह, तो उनको यह भी देखना चािहए िक इंजन तभी चलता ह,ै जब उसको बराबर ईधं न िमले, उसको बराबर तेल िमले, उसक बराबर मर मत हो, तो मेरे याल से वह इंजन तेजी से बढ़ेगा कृ िष का जो ग ोथ इंजन ह,ै उसे चलाने के िलए आपको िवशेष पकै े ज देने क आव यकता होगी और उन िकसान क तरफ आपको यान देने क आव यकता होगी, तभी जाकर इस देश का िकसान खशु हाल होगा सरकार म हमेशा देखा गया ह ै और मुझे उ मीद ह ै िक 28 तारीख को जब इस सदन म बजट प तुत होगा, तो आप बड़ी प मुखता से यह कह ग े िक वष 2005 म हमने मनरेगा को लागू िकया, आप यह भी कह ग े िक 17 हजार करोड़ पए हमने िकसान क कज माफ क और कै श ट सं फर क म को लाने क बात आप प मुखता से रख गे यह हम लोग को पहले से ही आभास हो गया ह,ै य िक हो सकता ह ै यह चुनावी वष हो, अगले साल आप चुनाव न करा सक , इसिलए ऐसा लुभावना बजट आप प तुत कर ग,े यह हम लोग को उ मीद है
उपा य जी, दूसरी बात म कहना चाह ंगा िक हमेशा देखा गया ह ै िक चुनावी लाभ के िलए बजट प तुत िकए जाते ह जो अपे ा के अनु प बजट आते ह और प य प से उसका कोई फायदा िकसान को नह िमल पाता है आज अगर आकं ड़े देखे जाएं तो के वल एक ेत , कृ िष मंत ी जी जो आप का अपना ेत ह,ै तीन हजार करोड़ पय े क कृ िष उपज - फल और सि जयां सखू गईं मौसमी के जो खेत बड़े-बड़े थे, व े सखू गए ह, उन पर कु हाड़े चल रहे ह महारा म मराठवाड़ा का जो ए रया ह,ै जहां पर सखू े और अकाल क ि थित ह,ै आप वहां का सव करा लीिजए तो जमीन के अदं र के वल 14 परस ट पानी क उपल धता रह पाई है वहां पर सखू े के ि थित या ह,ै क कण म मेरे याल से हो सकता ह ै िक 60 से 65 प ितशत हो, लेिकन जहां तक मराठवाड़ा क बात ह,ै वहां पर सखू े क ि थित जबद त है इस पर आपको िवशेष यान देने क आव यकता है देश के अदं र िकसान के िलए, िसंचाई क सुिवधा के िलए जो तमाम प रयोजनाएं बनती ह, उ र प देश से भी िसंचाई प रयोजना, चाहे वह सरय ू िसंचाई प रयोजना हो, इस प कार क जो प रयोजनाएं अ य प देश से भी, जहां सखू े क ि थित ह,ै वहां से प ताव बन कर के द सरकार के पास लंिबत ह आपको चािहए िक ऐसी योजनाओ ं पर िवशेष यान दे कर, उनको बजट देने क यव था कर अगर आपने पानी दे िदया तो मेरे याल से िकसान का उससे बढ़कर कु छ नह हो सकता, उससे देश क आिथ क ि थित, िजस आिथ क मंदी से आप गजु र रहे ह, हो सकता हे उससे आप को िनजात िमल सके
दूसरी बात, वष 1980 म उ र प देश म एक प रयोजना लाग ू क गई थी - सरय ू नहर िजसम उस समय बजट का प ावधान 400 करोड़ पय े था अब तक उसम 2700 करोड़ पय े खच हो चुके ह लेिकन अभी तक वह प रयोजना परू ी नह हो पाई है आज के डेट म 2400 करोड़ पय े चािहए म चाह ंगा िक उ र प देश सिहत िविभ न रा य से ऐसी िसंचाई प रयोजनाओ ं के जो प ताव के द सरकार के पास आए ह उनको प ाथिमकता देते ह ए आप बजट क यव था कर , तभी देश का िकसान खशु हाल हो सकता है ऐसे ही तमाम और भी प देश म सखू े क ि थित या ह ै िजस पर आपको एक के द ीय दल भेज कर सव कराना चािहए िक कौन- कौन सी फसल को नुकसान ह आ ह,ै उनम सि जयां भी ह, फल भी ह, अनाज भी ह, इस प कार क आप को यव था करनी चािहए जहां तक हम लोग ने देखा िक आप बजट म भी लाने वाले ह, और भी तरीके से हम लोग ने देखा िक सन् 2012-13 म आप ने िकसान के िडट काड और िकसान माट काड तयै ार करने के िलए फै सला ले िलया और उसका इ तेमाल करने क भी योजना आप बना रहे ह ऐसी ि थित म िजतने भी िकसान ह उनको आप भिू महीन कर द गे व े कज ले-ले कर, अपने उ पाद का वािजब मू य न पा कर अतं म अपनी जमीन को बचे ने के िलए मजबरू ह ग े , मेरे याल से इससे िकसान और भी तबाह होगा और उसको आ मह या के िलए पे रत होना पड़ेगा जहां तक देखा गया ह ै िक अ य स ोत से, अ य यवसाय से तो आय िमल जाती ह ै लेिकन िकसान जो उ पाद करता ह,ै वह चाहे अनाज का हो, साग-सि जय का हो या फल का हो, उनको आय नह हो पाती है यहां तक िक उनके पास साल भर खाने क जो यव था होती ह ै उसक भी व े यव था नह कर पाता, कभी-कभी मौसम क मार हो जाती है यही कारण ह ै िक मजबरू हो कर हर िकसान प रवार से एक यि कमाने प देश जाता ह,ै चाहे कलक ा, मुबईं , चे नई, बगं लोर या िद ली हो, तमाम बड़े-बड़े नगर म जब कमाने के िलए वह प रवार जाता ह ै तब जा कर अपने प रवार का वह भरण-पोषण कर पाता है हमारी जो भी योजनाएं ह, या कारण ह ै िक उन पर िकसान को आज तक भरोसा नह हो पाया है आज आप अपने जवाब म इस बात को बताएं िक िकसान को कै से भरोसा हो, व े कै से भरोसा कर , जो भी योजनाएं आप दे रहे ह, िकसान को भरोसा िदलाने के िलए कोई बात जब आप कह ग,े मेरे याल से वह वािजब होगा आपके कै िबनेट के ही एक मंत ी किपल िस बल जी ने कहा िक 65 हजार करोड़ पय े क फल-स जी हमारे यहां सड़ जाती ह,ै िजसके िलए आज तक हम यव था नह कर पाए ह यहां िविभ न अवसर पर तमाम चचा एं ह ई ह, लेिकन हम आज तक पकै े िजंग यव था नह कर पाए दूसरी तरफ आपके नेता िज ह भावी प धान मंत ी के प म देखना चाहते ह, बनाने क आपक योजना ह,ै आपका व न है राह ल जी कहते ह िक हम एक पय े म 99 पसै े सीध े गांव म भेजने क यव था कर गे म कहना चाह ंगा िक आपके िपता वग य राजीव गांधी जी, जो बह त ही एग िै सव लीडर थे, िज ह ने देश के िलए काय िकया, उ ह ने भी अपने भाषण म कहा था िक जब हम एक पया भेजते ह, तो लोग 75 प ितशत खा जाते ह और गांव म के वल 25 प ितशत योजनाएं जाती ह आप इसे कै से अमली जामा पहनाएंगे यह आपको बताने क आव यकता ह ै िक आपके पास कौन सी काय योजना ह ै िजससे िकसान को प य प से फायदा िमलेगा
उ र प देश म तमाम ऐसे इलाके ह, दो-तीन िदन पहले हर जगह काफ वषा ह ई, ओलाविृ ह ई िजससे आल ू क खेती िब कु ल चौपट हो गई सरस क खेती को काफ नुकसान ह आ दलहन म अरहर, मटर तमाम खेती यो य उपज को जबरद त चोट पह ंची है म चाह ंगा िक उ र प देश सिहत िजन इलाक म ब-े मौसमी वषा ह ई, ओलाविृ ह ई, आप के द ीय दल भेजकर सव करवाएं िक िकस ए रया म िकतना नुकसान ह आ है उनके िलए पशै ल प से पकै े ज क यव था कर , आिथ क मदद देने क यव था कर कम से कम उनका लगान माफ कर कृ िष उपकरण से संबिं धत जो मामले ह, यहां हमेशा बड़ी-बड़ी बात क जाती ह कृ िष उपकरण, बीज, उव रक, आप उव रक के दाम देख लीिजए, य़ ू रया, डीएपी के दाम हमेशा बढ़ते रहते ह, त करी हो रही ह,ै अ य देश म खाद भेजी जा रही है इस पर रोक लगाने क आव यकता है आपक सीमाओ ं पर कु छ ऐसे िसपाही ह जो देख सक िक त करी के प म या- या हो रहा है इस पर िवशेष यान देने क ज रत है आप कम से कम उ र प देश सरकार से सीख ल समाजवादी पाट , अिखलेश जी क सरकार ने नहर और नलकू प से जो िसंचाई होती ह,ै उसे परू ी तरह माफ करने का काम िकया है दूसरी तरफ िकसान के पचास हजार पय े तक के कज माफ करने क योजना बनाई है आप कृ िष मंत ी ह, आपसे बह त उ मीद है आप कम से कम प देश से सीख ल अगर इस योजना को देश तर पर लाग ू कर ग,े जहां सखू ा, ओला विृ से नुकसान ह आ ह,ै अगर वहां इसे पह ंचाएंग े तो िकसान को डायरै ट लाभ िमलेगा उ र प देश सरकार ने िकसान बीमा योजना म पांच लाख पय े क योजना रखी है आकि मक दवै ी आपदा म एक लाख पय े क रािश को बढ़ाकर डेढ़ लाख पय े िकया गया है अगर आप िकसान के िलए प ो साहन रािश देने का काम कर ग े तो मेरे याल से बह त अ छा होगा हमने देखा ह ै िक बजट म बड़े-बड़े वायदे िकए जाते ह जो के वल कागज पर रहते ह आपको इस बात पर िवशेष यान देने क आव यकता ह ै िक िकसान को िबजली िमले, कृ िष उपकरण िमल , समय पर डीएपी खाद िमले उसे इतनी सि सडी दीिजए िजससे वह अपनी खेती कर सके , सालभर का अनाज रख सके और वािजब मू य से अपना जीवन तर उठा सके
मन े इस सदन म पहले भी मांग क थी िक रेल बजट रखा जाता ह,ै आप फाइनस बजट रखते ह जबिक हमारा देश कृ िष प धान है यहां के 70 फ सदी लोग खेती करते ह इस देश क आिथ क अथ यव था कृ िष पर िनभ र है आप कृ िष का बजट अलग से य़ नह प तुत करते उपा य जी, आज म जोरदार तरीके से मांग करता ह ं िक कृ िष का बजट अलग से रखा जाए िजस प कार रेल बजट रखा जाता ह,ै उसी प कार कृ िष का बजट भी अलग से प तुत हो ...( यवधान)
उपा य महोदय : कृ पया शा त रिहए …( यवधान)
श ी शलै े द कु मार : कृ िष मंत ी जी, म आपसे यही कह रहा ह ं िक कु छ रा य से सीख रा य ने पहल क है जसै े बताया गया िक कना टक म शु िकया गया है उसी प कार से अगर इस सदन म देश तर पर कृ िष का बजट अलग से प तुत करायग ,े उनके िलए अलग से यव था करायग े तो रा य मजबरू होगा और वह अपने यहां भी कृ िष बजट अलग से प तुत करेगा तभी िकसान को प य प से फायदा होगा और िकसान खशु हाल होगा इससे देश क अथ यव था भी सु ढ़ होगी और देश िवकास करेगा जहां आप आिथ क मंदी के िलए रोते रहते ह, वहां आप इससे अपने राजकोषीय घाटे क भी भरपाई कर सक गे इसिलए इस यव था को आपको अलग से करना पड़ेगा म अपने प देश उ र प देश क तरफ आपका यान आकिष त करना चाह ंगा हमारे यहां बह त सी ऐसी प रयोजनाएं जसै े नहर, नलकू प तथा कृ िष से आधा रत तमाम प रयोजनाएं जो के द सरकार म लंिबत पड़ी ह, उनके िलए आप बजट नह देते ह कभी-कभी सदन म बह त हो-ह ला हो गया, तो आपने कु छ रा य को, खासकर आपके यहां जो के द शािसत प देश ह, उनको आप बजट दे देते ह लेिकन अगर िकसी दूसरी पाट क कह सरकार ह,ै तो उसे आप न तो बजट देते ह और न ही कोई पेशल पकै े ज देते ह यह अनदेखी अब बदा त के बाहर है आपको एक नज रय े से देखना चािहए, य िक िकसान तो िकसान होता है
कृ िष मंत ी जी, अगर देश का िकसान खशु हाल नह होगा, तो परू ा देश कभी भी खशु हाल नह हो सकता, इसिलए आप प पात मत क िजए अगर आप एक नज रये से, एक च मे से देख ग े तो मेरे याल से तभी इसक भरपाई हो जायगे ी अभी परू े देश म गहे ं का रकाड तोड़ उ पादन ह आ उ र प देश ने न बर एक पर इसका उ पादन िकया है लेिकन हमारे धान के जो िकसान ह, उनका धान यह कहकर रज ै ट िकया गया िक टूटन बह त यादा है म आज दाव े के साथ कहता ह ं, चुनौती देता ह ं िक आप िविभ न प देश के चावल को देख लीिजए, उन सबम से उ र प देश का चावल न बर एक पर है लेिकन पजं ाब से आपने चावल लाकर उ र प देश के एफसीआई गोदाम को भरा है यह उ र प देश सरकार के िखलाफ एक बड़ी भारी सािजश है इसे आपको गभं ीरता से देखना पड़ेगा आप जो प देश क उपे ा करते ह, उस पर आपको एक नज रय,े एक च मे से देखना पड़ेगा अगर आप च मा बदल-बदल कर देख ग े तो यह ठीक नह होगा