Foundation Courses
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UNIVERSITY OF DELHI Four Year Undergraduate Programme Foundation Courses 2013 Page 0 of 136 Index Page No. Course Information 2 Language, Literature, and Creativity – I (Hindi / MIL / 4 Sanskrit / Arabic / Persian / Indian Literature ) Information Technology 83 Science and Life 88 Applied Language Course (a) - अनप्रु म啍ु त हहॊदी ऩाठ्मक्रभ 94 Applied Language Course (b) - Translation and 97 Interpreting Language, Literature, and Creativity –II (English) 100 Building Mathematical Ability 106 Indian History and Culture 111 Business, Entrepreneurship, and Management 118 Governance and Citizenship 121 Philosophy, Psychology, Communication and Life Skills 125 Geographic and Socio-Economic Diversity 128 Environment and Public Health 133 Page 1 of 136 FOUNDATION COURSES 1. Preamble The 11 Foundation Courses, being multi-disciplinary were entrusted to separate ―Empowered Committees‖, one for each course. Interdisciplinary and trans-disciplinary approaches were discussed by college teachers who were members in each committee and several meetings were held for every course. It was agreed that Foundation Courses would be designed to strengthen the educational base of the students in relation to the grand challenges facing India. The curriculum would encourage appreciation and learning of academic tools that explore some of these problems and point towards some solutions. Through lectures, group projects and class presentations, it is expected that students will acquire both knowledge and ability in the areas being addressed. The Foundation Course curriculum takes up these issues implicitly: Economic Development, Rural, Urban & Linkages Energy, water Urbanization, Infrastructure, Transport, Sanitation Environment & Public Health Food security, Agriculture Education, Literacy Ethics, Society & Justice The teaching methodology in the Foundation courses is participative and project based. Reading material is pertinent, engaging and of manageable length for students. Presentations in class are mandatory. Evaluation procedures are recommended to ensure continuous learning. 2. Structure (a) Courses 1. Language, Literature, and Creativity –I (Hindi /MIL /Sanskrit /Arabic /Persian / Indian Literature) 2. Language, Literature, and Creativity –II (English) 3. Information Technology 4. Business, Entrepreneurship, and Management 5. Governance and Citizenship 6. Philosophy, Psychology, Communication and Life Skills 7. Geographic and Socio-Economic Diversity 8. Science and Life 9. Indian History and Culture 10. Building Mathematical Ability 11. Environment and Public Health 12. Applied Course - Language Page 2 of 136 (b) Semester-wise Foundation Course Distribution The distribution of the Foundation Course in the First, Second, Third and Fourth Semester is as follwos: Semester-I/II: Group A Language, Literature, and Creativity –I (Hindi /MIL //Sanskrit /Arabic /Persian / Indian Literature) Information Technology Science and Life Applied Course - Language Semester-I/II: Group B Language, Literature, and Creativity –II (English) Building Mathematical Ability Indian History and Culture Business, Entrepreneurship, and Management Semester-III/IV: Group C Governance and Citizenship Philosophy, Psychology, Communication and Life Skills Semester-III/IV: Group D Geographic and Socio-Economic Diversity Environment and Public Health Note: If a student has studied Group A in Semester – I, he / she shall study Group B in Semester – II and vice-versa. If a student has studied Group C in Semester – III, he / she shall study Group D in Semester – IV, and vice–versa. (c) Course Structure 28+14 periods per week over a 14 week period other than languages. 56+14 periods per week over a 14 week period for language based foundation courses. Foundation courses have the maximum of 100 of which 50 marks for written and 50 marks for project work. Semester Period Semester I Examination Nov. / Dec. Academic Year I Semester II Examination May / June Academic Year I Semester III Examination Nov. / Dec. Academic Year II Semester IV Examination May / June Academic Year II Semester V Examination Nov. / Dec. Academic Year III Semester VI Examination May / June Academic Year III Semester VII Examination Nov. / Dec. Academic Year IV Semester VIII Examination May / June Academic Year IV (d) Medium of Teaching & Examination As per University norms. Page 3 of 136 आधाय ऩाठ्मक्रभ (हहॊदी) Foundation Course (Hindi) बाषा साहहत्म औय सजजनात्भकता Language Literature and Creativity इस आधाय ऩाठ्मचमाज का उद्देश्म वि饍माथी के भन भᴂ एक ओय बावषक गततविधधमⴂ का सॊस्काय ऩैदा कयना है िहीॊ साहहत्म के भाध्मभ सेयाष्ट्रीम स्तय की सभस्माओॊ के प्रतत सॊिेदना जगाना है. बाषा के खेर(Games of Language )औय विविध गततविधधमⴂ के जरयमे बाषा की सभझ फनात े हुए छात्र के िाधचक शब्दकोश औय रेखन ऺभता भᴂ िवृ ि ककमा जाना बी इस ऩाठ्मचमाज का कᴂ द्रीम रक्ष्म है. साहहत्म बाषा का ऻान औय ऩमजिेऺण ऺभता को फढ़ाते हुए ककसी बी सभस्मा का सीधा सभाधान प्रस्तुत कयने के स्थान ऩय वि饍माथी को सभाज का जाग셂क औय सॊिेदनशीर नागरयक फनाने का प्रमास कयता है जजससे उसभᴂ चुनौततमⴂ का साभना कयने की ररक उत्ऩन्न हो सके. इस कोसज का उद्देश्म वि饍माथी के बीतयहहॊदी बाषा औय सभाज के जहिर औय फनते-बफगड़ते सम्फन्ध की सभझ उत्ऩन्न कयना है जजससे वि饍माथी बाषा के भहत्ि कोसभझते हुए देश औय याष्ट्रीमता के व्माऩक सयोकायⴂ से अऩना सम्फन्ध जोड़ सके . याष्ट्रीम चुनौततमⴂ को ध्मान भᴂ यखत े हुए बाषा के साथ साहहत्म के कु छ सयर ऩाठⴂ को बी जोड़ा गमा है जजससे छात्र िगज के साभने फदरते बायत की सही तस्िीय फनकय उबय सके. वि饍माथी अऩने सभाज,ऩरयिेश औय ऩमाजियण को बी सभझे साथ ही साथ उसकी सॊिेदना, बाषा कौशर औय सम्प्रेषण ऺभता का विकास एि ॊ विस्ताय हो सके . सभसाभतमक सन्दबⴂ भᴂ सभाज औय देश की तनम्नलरखखत चुनौततमⴂ को सभझत े हुए वि饍माथी के सम्ऩूण ज व्मजततत्ि का विकास कयना इस कोस ज का रक्ष्म है याष्ट्रीम चुनौततमाॉ: आधथजक विकास, गाॉि औय शहय के सम्फन्ध ऊजाज, जर शहयीकयण, ऩरयिहन, स्ि楍छता ऩमाजियण औय जन स्िास््म Page 4 of 136 खा饍म सुयऺा, कृ वष लशऺा, साऺयता नैततकता, सभाज औय न्माम जᴂडय तथा जातत के प्रश्न बायतीम सॊस्कृ तत, साम्प्रदातमक सद्भाि 1. उेश्म एवॊ प्राप्तत: 1.1-बाषा साहहत्म औय सजजनात्भकता कोस ज का भुख्म उद्देश्म उऩमुतज त चुनौततमⴂ को ध्मान भᴂ यखत े हुए वि饍माथी िग ज को बाषा के प्रतत जाग셂क कयने के साथ-साथ विषम को 셂धचकय फनाना है. बाषा के शुितािादी नजरयमे औय लसिाॊत चचाज से फचत े हुए बाषा के प्रचलरत औय अनौऩचारयक प्रमोग को बी अऩनामा जाना चाहहए. मह कोसज उन वि饍माधथमज ⴂ को तो प्रेरयत कयेगा ही जो बाषा के न्मूनतभ स्तय को प्राप्त कय चुके हℂ साथ ही इस कोस ज का रक्ष्म उन वि饍माधथमज ⴂ तक बी ऩहुॊचना है जो हहदॊ ी के साभान्म प्रमोग बी नहीॊ जानते. इस ऩाठ्मचमाज भᴂ बाषा के साथ साहहत्म की सजजनात्भकता को बी स्थान हदमा गमा है ताकक वि饍माथी को एक ओय साहहत्म का आस्िाद कयामा जा सके िहीॊ दसू यी ओय जीिन के विविध ऺेत्रⴂ भᴂ सजनज ात्भकता ककस प्रकाय व्मजतत के क्षऺततज का विस्ताय कयती है, इसे बी छात्र के अनुबि का हहस्सा फनामा जा सके . कविता, कहानी, मात्रा ितृ ाॊत आहद के सयर ऩाठⴂ को ऩढ़कय औय उनसे जुड़ी गततविधधमⴂ को सभझत े हुए छात्र स्िमॊ रेखन का प्रमास कये, अध्माऩक उसकी मात्रा भᴂ सहमोगी फनकय उबये औय छात्र को करभ की ताकत का एहसास हदरा सके. रेखन एक फड़ा उत्तयदातमत्ि है औय रेखक की सभाज के प्रतत विशेष जजम्भेदायी है जजसके कायण ही उसे उ楍च दजाज प्राप्त होता है, मह बाि बी छात्र भᴂ उत्ऩन्न हो औय िह रेखन की हदशा भᴂ अऩना ऩहरा कदभ फढ़ासके. आधाय ऩाठ्मक्रभ होने के कायण इसकी ऩरयक쥍ऩना वि饍माथी के लरए नीॊि के 셂ऩ भᴂ की गई है जजसके 饍िाया िह साहहत्म का आस्िाद बी कय सके तथा बविष्ट्म भᴂ विषम चमन हेतु उसके बीतय 셂धच बी जगाई जा सके . अध्माऩक से अऩेऺा होगी कक िह विषम के ऩारयबावषक ऩऺ से फचत े हुए वि饍माथी के स्तय ऩय यहकय फात कये. इस ऩाठ्मक्रभ का भूर उद्दश्े म वि饍माथी की बावषक औय सम्प्रेषण ऺभता का विकास कयना तथा देश औय सभाज के प्रतत उसे सॊिदे नशीर फनाना बी है. तनम्न बफदॊ ओु ॊ का अनुऩारन लशऺण तथा प्रोजे啍ट कामज, डाटा सॊग्रह औय व्मवहायगत मोजनाओॊ के दौयान बी ककमा जाना चाहहए : बाषा औय साहहत्म को िास्तविक जीिन की सभस्माओॊ से जोड़त े हुए वि饍माथी को अलबव्मजतत के लरए प्रेरयत कयना सुनना, फोरना, ऩढ़ना, लरखना जैसे कौशरⴂ का विकास सभूह चचाज ऩय फर देना सभूह भᴂ काभ कयने के लरए तैमाय कयना Page 5 of 136 व्मिहायगत मोजनाओॊ (हℂड्स ऑन प्रोजेत्स) के भाध्मभ से बाषा, साहहत्म औय सभाज से जुड़ े प्रश्नⴂ के लरए तैमाय कयना यचनात्भकता औय क쥍ऩना शजतत को फढ़ािा देना लसिाॊत के स्थान ऩय प्रमोग ऩय फर देना विश्रेषणात्भक ऩितत को अऩनाना सभाज औय याष्ट्र भᴂ हो यहे ऩरयितजनⴂ औय सभसाभतमक हरचरⴂ से साहहत्म को जोड़ने का प्रमास सभाज के बीतय हो यहे ऩरयितनज ⴂ ऩय वि饍माथी की सभझ को फढ़ात े हुए उसे उन विषमⴂ ऩय लरखने के लरए प्रेरयत कयना .