21-06-2019 sh/rjn Uncorrected/Not for publication 293 (1400/SPR/GG) ADV. ADOOR PRAKASH (ATTINGAL): I wish to draw the urgent attention of the House towards acute difficulties faced by thousands of travelers on NH-66 at Attingal junction in Kerala. This stretch through Attingal is the major bottleneck on this national highway. For about three decades, the residents of Attingal as well as those who travel to the Capital city of Kerala on NH-66 have been raising the demand for constructing a bypass at Attingal. The National Highways Authority of India (NHAI) is planning the widening of Kazhakkuttam – Kadambattukonam stretch and Attingal bypass is a part of this project. Sir, 3-A notification has already been issued in June, 2018, and its validity is ending this month. It is necessary to issue 3-D notification this month itself. Otherwise, 3-A notification will be lapsed. The NHAI has not issued 3-D notification since the priority of this project has been changed. Hence, I urge the Government to take immediate steps to consider this project on top priority and ensure completion of works without any further delay. श्री हनुमान बैननवाल (नागौर) : सभापत ि महोदय, आपने मझु े शून्य काल मᴂ बोलने का अवसर तदया, इसके तलए मैं आपको बहु -बहु धन्यवाद दे ा हू ।ॅूं महोदय, राजस्थान ही नहीं, पूर े देश के अॅूंदर चबॅूं ल के बीहड़ के नाम से अगर कोई प्रतस है, ो वहा ॅूं के डाकू हैं। जब हम स्कू ल-कालेज, यूतनवतसिटी मᴂ पढ़ े थे, उस समय भी ति쥍मᴂ भी बनीं ो वहा ॅूं के डाकु ओ ॅूंपर बनी। एक जगन गजु िर, जो कु ख्या डाकू है, वह 8-10 तदन पहले, तजसने ीन बार सरडᴂ र तकया और जगन गजु िर पर डेढ़ सौ से 煍यादा हत्या, लूट, डकै ी के मकु दमᴂ दजि हैं, सभापत महोदय, वह 70 मामलⴂ मᴂ बरी हो गया, 21-06-2019 sh/rjn Uncorrected/Not for publication 294 क्यⴂतक उसके आ ॅूंक से कोई कोटि मᴂ गवाही देने नहीं जा ा था। अभी 12 जून को धौलपरु के बाड़ी मᴂ सरआे म व्यापाररयⴂ को पीटा और मतहलाओ ॅूं को तनविस्त्र कर के उस जगन गजु िर ने घमु ाया। राजस्थान सरकार की कानून व्यवस्था िे ल हो गई। इस डाकू को पकड़ने के तलए रा को भी ब ा रहे थे तकि िायररगॅूं चल रही थी, पतु लस-बल गया था। लेतकन राजस्थान की पतु लस नाकाम है। मैं आपसे अनरु ोध करना चाह गॅूं ा तकि के न्र इसके अॅूंदर हस् क्षेप कर।े राजस्थान मᴂ अपराध बढ़ रह े हैं। अभी जो लोक सभा के चनु ाव हुए हैं, उनमᴂ काग्रॅूं ेस पाटी बरु ी रह स े हार गई। जगन गजु िर जैसे डाकू , उससे पहले अलवर गैंग रपे का जो वीतडयो वायरल हुआ, पूर े देश के अदॅूं र राजस्थान शमिसार हुआ। सभापत महोदय, मेरी आपके माध्यम स े सरकार स े मागॅूं है तकि जगन गजु िर जैस े डाकू का एन्काउॅूंटर तकया जाए। आजादी के 70 साल बाद भी इन डाकु ओ ॅूंके आ ॅूंक से लोग पलायन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की जन ा पीतड़ है। इस डाकू को रु ॅूं तगरफ् ार करने के तलए अधिसैतनक बलⴂ को भेजना पड़े ो उनको भेजा जाए। के न्र सरकार राजस्थान की सरकार से ररपोटि ले। …(व्यवधान) माननीय सभापत ि: क ुँ वर प� पेन्द्र स हिं चन्द्देल को श्री हनम ान बैसनवाल द्वारा उठाए गए तवषय के साथ सबॅूं करने की अनमु त प्रदान की जा ी है। SHRI T.N. PRATHAPAN: (THRISSUR): Hon. Chairman, Sir, there is a severe coastal erosion in Kerala for the last two weeks. Currently, we have 366 km. of seawall in the 576 km. long coastal area of Kerala. But its 146 km. is almost destroyed. Sir, 100 km. of seawall should be newly constructed along the Kerala coast. In fact, a total of 246 km. long seawall is very urgently needed. Sir, the 12th and the 13th Finance Commissions had recommended for building seawall in Kerala but Kerala did not get anything in the last five years. 21-06-2019 sh/rjn Uncorrected/Not for publication 295 (1405/UB/RV) It is very pathetic. Hundreds of fishermen are homeless now. They are living in relief camps. Their fishing equipment have been destroyed. The Government should help Kerala by considering this serious situation. The Centre should take interest to protect the coastal areas and save the fishermen. HON. CHAIRPERSON (DR. KIRIT P. SOLANKI): Adv. Adoor Prakash, Shri K. Muraleedharan, Shri N. K. Premachandran are permitted to associate with the issue raised by Shri T. N. Prathapan. HON. CHAIRPERSON: Those who want to associate, submit your slips at the Table. Shri T. N. Prathapan, please conclude now. We have a very long list. I am giving you half a minute to conclude. SHRI T. N. PRATHAPAN (THRISSUR): Sir, immediate intervention of Government of India is needed in this issue. SHRIMATI MEENAKASHI LEKHI (NEW DELHI): Sir, you have allowed me to speak on a very important issue of Sabarimala. In this House, many times, this subject has been brought up. On the 28th September, 2016, the Supreme Court passed an order and denied the special Denomination Status to Shri Ayyappa Temple, and because of that denial, the rituals and practices which are exclusive to this temple have been denied. In the absence of the special denominational status, the protection of Article 26 which is available to other religious practices is not available to this Temple. A Bill has been sought to be brought in which I feel is defective because the special denominational status which had to be catered to or had to be applied has not 21-06-2019 sh/rjn Uncorrected/Not for publication 296 really been applied in the absence of which the religious practices are denied. It has got two-fold problems. One is that the Hindu temples and Hindu institutions suffer because of this particular judgment. In Hindi translation of Article 26 of the Constitution,ि itि usesि theि wordि ‘Sampradaya’.ि So,ि ifि ‘Sampradaya’ि canि beि protected and if Sampradayik practices can be protected, the Hindu temples will see that the rituals and practices are protected. In the morning also, some people tried to bring the issue of Triple Talaq etc. Let me put it across in this House once again that the Constitution talks about Uniform Civil Code, not Uniform Religious Code. The religious practices need to be discriminated from the civil practices and these are religious practices. There are festivals like Attukal Pongala where men are not allowed and if Attukal Pongala needs to be protected,ि Iि thinkि theि ‘denominationalि practices’िneedिtoिbeिdefinedिwhichिisिtheिjobिofिthisिHouse.िWeिshouldिdefineिit. A defective Bill is only serving the purpose of optics creating some headlines in some newspaper in Kerala and down south. I think, we as a legislative body need to understand the difference when review petition is pending.ि Theि debateि shouldि beि onि ‘whatि areि denominationalि practices’ि andि protect all the worshippers of Ayyappa and rituals. Jai Jai Ayyappa! HON. CHAIRPERSON: Kunwar Pushpendra Singh Chandel, Shri Devaji Patel, Shri Nalin Kumar Kateel are permitted to associate with the issue raised by Shrimati Meenakashi Lekhi. श्री रामदास सी. डस (वर्ाा): महोदय, मैं इस सदन के माध्यम से माननीय कृ तष मॅूंत्री जी का ध्यान तकसानⴂ की एक महत्वपूर्ि समस्या की ओर आकतषि करना चाह ा ह ।ॅूं सरकार ने पयािवरर् कानून, 21-06-2019 sh/rjn Uncorrected/Not for publication 297 बीज कानून व जीवनोपयोगी वस् ु कानून से खे ी मᴂ, जैतवक ॅूंत्र ज्ञान से तवकतस तकए हुए बीज के उपयोग, तबक्री एवॅूं उत्पादⴂ को बदॅूं तकया है। माननीय सभापत : रामदास जी, जरा अपनी बा सक्षॅूं ेप मᴂ रखᴂ। श्री रामदास सी. डस (वर्ाा): महोदय, इस बार े मᴂ तकसानⴂ को सही मागिदशिन नहीं होने से तकसानⴂ को बीज खरीद प्रतक्रया मᴂ कतठनाई का सामना करना पड़ ा है। तकसान को अपने खे मᴂ कौन-सा बीज बोना है, इसका सवॅूं ैधातनक अतधकार तकसान को होने के बावजूद भी पयािवरर् कानून, बीज कानून, जीवनोपयोगी वस् ु कानून को बदॅूं तकया गया है। माननीय सभापत : रामदास जी, अपनी बा सक्षॅूं ेप मᴂ रखᴂ। श्री रामदास सी. डस (वर्ाा): महोदय, एक तमनट। देश के तकसानⴂ को तवदेशी तकसानⴂ से स्पधाि करनी पड़ ी है। वहा ॅूं की सरकार ने वहा ॅूं के तकसानⴂ को जो नए ॅूंत्र ज्ञान को उपयोग मᴂ लाने की आज़ादी दी हुई है, वैसी आज़ादी अपने देश के तकसानⴂ को भी देनी चातहए, भी देश का तकसान तवदेश के तकसानⴂ से स्पधाि कर सके गा और खे ी का घाटा कम होगा। माननीय सभापत : कुुँ वर पष्ु पेन्र तसहॅूं चन्देल को श्री रामदास सी. डस द्वारा उठाए गए तवषय के साथ सबॅूं करने की अनमु त प्रदान की जा ी है। कुुँ वर दातनश अली जी - उपतस्थ नहीं। श्रीम ी सतु प्रया सलु े जी। (1410/MY/KMR) श्रीम ी सुतिया सुले (बाराम ी): सभापत महोदय, आज मैं यहा ॅूं एक बहु ही सवॅूं ेदनशील तवषय पर बोलने के तलए खड़ी हुई ह ।ॅूं मैं महाराष्र के तजस क्षेत्र से आ ी ह ,ॅूं आज वहा ॅूं पानी की बहु समस्या है। तपछले साल बाररश भी ठीक हुई थी, लेतकन जो बड़े बाधॅूं हैं, उसमᴂ से एक बड़ा बाधॅूं मेर े क्षेत्र मᴂ आ ा है तजसको उजनी डैम कह े हैं, वह हड्रॅूं ेड परसेन्ट भरा था, लेतकन इस सरकार की तमस्िमैनेजमेन्ट की वजह से अभी डेड वाटर ही बचा है। इसके तलए महाराष्र सरकार ने ीन बड़ी 21-06-2019 sh/rjn Uncorrected/Not for publication 298 योजनाए ॅूं बनाई।ॅूं पहली जलयक्तु तशवार योजना है, तजसमᴂ आठ हजार करोड़ 셁पये खचि हुए, लेतकन तकसी तजओलॉतजस्ट से नहीं पूछा, इसतलए आज पूरा जलयक्तु अतभयान पूरा खाली पड़ा है। उसका कोई उपाय नहीं हो रहा है। दूसरा, महाराष्र के माननीय मख्ु य मॅूंत्री जी ने टैंकर मक्तु महाराष्र के नाम से एक योजना चलायी थी। उनका डेटा भी कह रहा था तक महाराष्र टैंकर मक्तु हो गया है। सर, आज मीतडया मᴂ देतखए, न्यूज़ पेपर पतढ़ए, हर जगह टैंकर मातिया के बार े मᴂ सनु ने को तमल ा है। इससे आम आदमी को बहु तदक्क हो रही है। यह तसिि ग्रामीर् भाग का इश्यू नहीं है। आज शहरⴂ मᴂ भी, चाहे वह नातसक हो, पूना हो, म륍ु बई हो, हर जगह पानी की कमी हो रही है, वाटर कट्स हो रहे हैं। आज चाह े कोई तबत쥍डॅूंग मᴂ रहने वाला हो या कोई तकसान हो, आज कहीं भी पैसे तदए तबना टैंकर नहीं तमल रहा है। आज हमार े यहा ॅूं जो पानी की समस्या है और महाराष्र मᴂ जो सूखा चल रहा है, उसके बार े मᴂ सोचा जाए। के न्र सरकार को पानी के तलए महाराष्र को कु छ मदद करनी चातहए। ADV.
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