jftLVªh laö Mhö ,yö&33004@99 REGD. NO. D. L.-33004/99
vlk/kj.k EXTRAORDINARY Hkkx II—[k.M 3 —mi&[k.M (ii) PART II—Section 3—Sub-section (ii) izkf/dkj ls izdkf'kr PUBLISHED BY AUTHORITY la- 568] ubZ fnYyh] 'kqØokj] ekpZ 4] 2016@iQkYxqu 14] 1937 No. 568] NEW DELHI, FRIDAY, MARCH 4, 2016/ PHALGUNA 14, 1937
पया वरण , वनवनवन औरऔरऔर जलवायु प रवत न मं ालय
अिधसूचना
नई द ली , 3 माच , 2016
काकाका.का ... आआआ.आ... 657657657 (((अ(अअअ))))....------िन िलिखत ा प अिधसूचना, िजसे के ीय सरकार, पया वरण (संर ण ) अिधिनयम, 1986 (1986 का 29) क धारा 3 क उपधारा (2) के खंड (v) और खंड (xiv) तथा उपधारा (3) के साथ प ठत उपधारा (1) ारा द शि य का योग करते ए , जारी करने का ताव करती है, पया वरण (संर ण ) िनयम, 1986 के िनयम 5 के उपिनयम (3) क अपे ानुसार , जनसाधारण क जानकारी के िलए कािशत क जाती है; िजनके उससे भािवत होने क संभावना है ; और यह सूचना दी जाती है क उ ा प अिधसूचना पर, उस तारीख से, िजसको इस अिधसूचना वाले भारत के राजप क ितयां जनसाधारण को उपल ध करा दी जाती ह , साठ दन क अविध क समाि पर या उसके प ात् िवचार कया जाएगा ;
ऐसा कोई ि , जो ा प अिधसूचना म अंत व ताव के संबंध म कोई आ ेप या सुझाव देने म िहतब है, इस कार िविन द अविध के भीतर, के ीय सरकार ारा िवचार कए जाने के िलए, आ ेप या सुझाव सिचव, पया वरण , वन और जलवायु प रवत न मं ालय , इं दरा पया वरण भवन, जोर बाग रोड, अलीगंज, नई द ली -110003 या ई-मेल पते: [email protected] पर िलिखत प म भेज सकेगा । ा प ा प ा प अिधसूचना
पीची वाजहनी व यजीव अभयार य केरल रा य के ि सुर िजले म उ तरी अ ांश 10 025’ 58.13’’ और 10 040’ 29.04’’ तथा पूव देशांतर 76 017’ 35.23’’ और 76 029’ 34.78’’ के बीच अवि थत है और 125 वग कलोमीटर े म फैला आ है;
और, पीची वाजहनी व यजीव अभयार य अनामूदी हाथी रजव का भाग है और नेि लयामपथी पहाि़डय से आगे बढ़कर िवशाल वनी कृत थलाकृित का उ तरी पि मी अंितम भाग है और इसक दि णी सीमा पर िच मोनी व य जीव अभयार य के मा य म से परमिबकुलम, ि सुर और वजहाचल के जंगल से जुडा आ है;
और, इस े म जीव -ज तु और वन पित क ब त िविवधता है और लगभग 50 तनधा रय क जाितय का वास है िजसम हाथी, गौर, बाघ, त दुआ, रीछ, जंगली कु ा, बनिबलाव, सांभर, िच ीदार िहरन, िपसूरी, मुंजक, नीलगीरी लंगूर, लघु पु छ वानर, मालाबार बृहत िगलहरी, जंगल िगलहरी, ड क पाम िगलहरी, बृहत भूरी िगलहरी है और यहाँ पि य के 51 वग म 218 जाितयां पायी जाती ह िजसम से 11 जाितयाँ िसफ पि मी घाट म पायी जाती ह जैसे क नीला तोता, मालाबार े धनेश, े हेडेड नीलमी, सफे द
1109 GI/2016 (1)
2 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [P ART II—SEC . 3(ii)] बेलाईड पाई और सरीसृप क 32 जाितयां वनकोर कछुआ, कोिचन वन कछुआ और कग कोबरा और उभयचर क 17 जाितयां और मछिलय क 40 जाितयां पाई जाती ह ;
और, अभयार य म मुख वन पित कार के साथ आ पण पाती से सदाबहार वन पित के कार पाये जाते है, अभयार य म ऊंची चोटी पर आ पण पाती और अध सदाबहार और सदाबहार वन पाये जाते है;
और, वन पित म पण पाती वन के अंतग त वृ जाितय म जैसे ेमनेिलया पैनुकुलाटा, पे ोकारपस मरसिपयम, ज़ाइला ज़ाइलोकारपा, लगेर ोिमया लान योलाटा, दलबेरिगया लटीफोिलया, टे टोना िडस, टरमेनेिलया चेबुला, टेरमेनेिलया बेले रका, कािसया कसटूला, ि गे टया टनकटो रया, आ द सि मिलत है; सदाबहार और अध सदाबहार जाितय म जैसे पाला यम इ लीपी टकम, कुलेिनया ए स रिललाटा, मेसुआ फर रा, होिपया पप. के साथ ईख और नड उपि थत है । पीपर ल गम, राउवोल फया सेरप टेिनया, गायलोकोसिमस प टाफाइला, हेली कटरेस इशोरा, िसदा पप., देसमोिडयाम पप. आ द जंगली जाितय के प है । अ य घा स के साथ -साथ बाँस भी ब तायत दखाई देते है । अभयार य े म िविश औषधीय पौधे िविवधता क 107 जाितयां दखाई देती है । और, अभयार य मह वपूण बारहमासी न दय जैसे मनाली, कु मली और वदाकनचेरी का जल हण े है और पीची और वाहजनी जलाशय जलीय मछिलय , कक ट, कछुआ और िभ अ य पि य क जाितय के िलए अ छा वास दान करता है ।
और, पीची वाजहनी व य जीव अभयार य के चार ओर के े को, िजसका िव तार और सीमाएं इस अिधसूचना के पैरा 1 म िविन द ह , पया वरण क दृि से पा रि थ ितक संवेदी जोन के प म सुरि त और संरि त करना तथा उ पा रि थितक संवेदी जोन म उ ोग या उ ोग के वग के चालन तथा सं करण करने को ितिष करना आव यक है;
अतः, इसिलए, के ीय सरकार, पया वरण (संर ण ) िनयम, 1986 के िनयम 5 के उपिनयम (3) के साथ प ठत पया वरण (संर ण ) अिधिनयम, 1986 (1986 का 29) क धारा 3 क उपधारा (3) और उपधारा (2) के खंड (v) और खंड (xiv) और उपधारा (1) ारा द शि य का योग करते ए , केरल रा य म पीची वाजहनी व यजीव अभयार य क सीमा के 2.98 कलोमीटर तक के िव ता र तक के े को पीची वाजहनी व यजीव अभयार य पा रि थितक संवेदी जोन (िजसे इसम इसके प चा त् पा रि थितक संवेदी जोन कहा गया है) के प म अिधसूिचत करती है, िजसका िववरण िन ानुसार है, अथा त् :--
1. पा रि थितक संवेदी जोनजोनजोन काकाका िव ता ररर औरऔरऔर उसक सीमाएं--(1) पा रि थितक संवेदी जोन का िव ता र पीची वाजहनी व यजीव अभयार य से 2.98 कलोमीटर तक है और 65.94 वग कलोमीटर के े म फैला आ और इसक सीमा के यौ रे सिहत उपाबंध III के प म संल है ।
2. पा रि थितक संवेदी जोन का मानिच मु य बदुओ के िनद शांक के साथ उपाबंध IIIIII के प म संल है ।
3. पा रि थितक संवेदी जोन म 6 राज व ाम सिहत िनिहत वन सि मिलत है । पा रि थितक संवेदी जोन के अंतग त आने वाले ाम और िविहत वन क सूची सिहत उपाबंध IIIIIIIII के प म संल है ।
222.2... पा रि थितक संवेदी जोनजोनजोन केकेके िलएिलएिलए आंचिलक महायोजना ––– (1) रा य सरकार, पा रि थ ितक संवेदी जोन के योजन के िलए राजप म इस अिधसूचना के अंितम काशन क तारीख से दो वष क अविध के भीतर, थानीय ि य के परामश से, और इस अिधसूचना म दए गए अनुबंध का पालन करते ए आंचिलक महायोजना तैयार करेगी ।
(2) आचंिलक महायोजना का अनुमोदन रा य सरकार म स म ािधकारी ारा कया जाएगा |
(3) पा रि थितक संवेदी जोन के िलए आंचिलक महायोजना रा य सरकार ारा ऐसी रीित जैसा इस अिधसूचना म िविन द है और सुसंगत के ीय और रा य िविधय तथा के ीय सरकार ारा जारी माग दश क िस ांत , य द कोई हो , के अनु प भी तैयार क जाएगी |
(4) आंचिलक महायोजना सभी संब रा य िव भाग के साथ परामश से पया वरणीय और पा रि थितक िवचारण को उसम एक कृत करने के िलए तैयार क जाएगी, अथा त्: --
(i) पया वरण ; (ii) वन ; (iii) नगर िवकास ; (iv) पय टन ; (v) नगरपािलका ; ¹Hkkx II µ[k.M 3 (ii) º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 3
(vi) राज व ; (vii) कृिष ; (viii) रा य दूषण िनयं ण बोड ; (ix) सचाई; और (x) लोक िनमा ण िवभाग । (5) आंचिलक महायोजना अनुमो दत िव मान भू-उपयोग, अवसंरचना और याकलाप पर कोई िनब धन अिधरोिपत नह करेगी जब तक क इस अिधसूचना म िविन द ट न हो और आचंिलक महायोजना सभी अवसंरचना और याकलाप म और अिधक द ता और पा रि थितक य अनुकूलता का संवध न करेगी ।
(6) आंचिलक महायोजना म अना छा दत े के जीण ार , िव मान जल िनकाय के संर ण , आवाह े के बंधन , जल-संभर के बंधन , भूतल जल के बंधन , मृदा और नमी संर ण , थानीय समुदाय क आव यकता तथा पा रि थितक और पया वरण से संबंिधत ऐसे अ य पहलू , िजन पर यान देना आव यक है, के िलए उपबंध ह गे ।
(7) आंचिलक महायोजना सभी िव मान पूजा थल , ाम और नगरीय बंदोब त , वन के कार और क म , कृिष े , ऊपजाऊ भूिम, ह रत े जैसे उ ान और उसी कार के था न, उ ान कृिष े , फलोधान, झील और अ य जल िनकाय का अ यकं न करेगी ।
(8) आंचिलक महायोजना थानीय समुदाय क जीवकोपाज न को सुिनि चत करने के िलए, पा रि थितक संवेदी जोन म िवकास को पा रि थितक अनुकूल िवकास के िलए िविनयिमत करेगी । (9) आंचिलक महायोजना के उपबंध का पया चार कया जाएगा ।
3. रा यरा यरा य सरकार ारा ारा ारा कए कए कए जानेजानेजाने वालेवालेवाले उपायउपायउपाय--उपाय ------रा य सरकार इस अिधसूचना के उपबंध को भावी करने के िलए िन िलिखत उपाय करेगी, अथा त् :--
(1) भूभूभू-भू---उपयोगउपयोग --- पा रि थ ितक संवेदी जोन म वन , उ ान -कृिष े , कृिष े , आमोद- मोद के योजन के िलए िचि हत कए गए पाक और खुले थान का वािणि य क और औ ोिगक संब िवकास याकलाप के िलए उपयोग या संप रवत न नह होगा :
परंतु पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर कृिष भूिम का संप रवत न , मानीटरी सिमित क िसफा रश पर और रा य सरकार के पूव अनुमोदन से, थानीय िनवािसय क आवासीय ज रत को पूरा करने के िलए और पैरा 4 क सारणी के तंभ (2) के अधीन मद सं. 17, 22, 28, 34 और सं. 37 के सामने सूचीब याकलाप को पूरा करने के िलए अनु ात ह गे, अथा त् :-
(i) पा रि थितक अनुकूल पय टन याकलाप के िलए पय टक के अ था यी आवासन के िलए पा रि थितक अनुकू ल आरामगाह जैसे ट ट, लकड़ी के मकान आ द;
(ii) िव मान सड़क को चौड़ा और सुदृढ़ बनाना; (iii) दूषण का रत न करने वाले लघु उ ोग; (iv) वषा जल संचयन; और
(v) कुटीर उ ोग , िजसके अंतग त ामीण उ ोग, सुिवधा भंडार और था नीय सुख-सुिवधाएं ह । परंतु यह और क जनजातीय भूिम का उपयोग रा य सरकार के पूव अनुमोदन और संिवधान के अनु छेद 244 या त समय वृ िविध के उपबंध के अनुपालन के िबना, िजसके अंतग त अनुसूिचत जनजाित और अ य परंपरागत वन िनवासी (वन अिधकार क मा यता ) अिधिनयम, 2006 (2007 का 2) भी है, वािणि यक या उ ोग िवकास याकलाप के िलए अनु ात नह होगा :
परंतु यह और भी क पा रि थ ितक संवेदी जोन के भीतर भू-अिभलेख म उपसंजात कोई ु ट , मानीटरी सिमित के िवचार ा करने के प ात् रा य सरकार ारा येक मामले म एक बार संशोिधत होगी और उ ु ट के संशोधन क सूचना क ीय सरकार के पया वरण , वन और जलवायु प रवत न मं ालय को देनी होगी ।
परंतु यह और भी क उपयु ु ट का संशोधन म इस उप पैरा के अधीन यथा उपबंिधत के िसवाय कसी भी दशा म भू-उपयोग का प रवत न सि मिलत नह होगा । परंतु यह और भी क ह रत े जैसे वन े , कृिष े आ द म कोई पा रणािमक कटौती नह होगी और अ यु त या अनु पादक कृिष े म पुन: वनीकरण करने के यास कए जाएंगे । 4 THE GAZETTE OF INDIA : EXTRAORDINARY [P ART II—SEC . 3(ii)] (2) ाकृितक जल ोत -- आचंिलक महायोजना म सभी ाकृितक जल ोत क पहचान क जाएगी और उनके संर ण और पुन भूतकरण के िलए योजना सि मिलत होगी और रा य सरकार ारा ऐसे े पर या उनके िनकट िवकास याकलाप ितिष करने के िलए ऐसी रीित से माग िनद श तैयार कए जाएंगे ।
(3) पय टन ––– (क) पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर पय टन संबंधी याकलाप पय टन महायोजना के अनुसार ह गे जो क आंचिलक महायोजना के भाग प म होगी । (ख) पय टन महायोजना पय टन िवभाग, केरल सरकार ारा राज व और वन िवभाग के परामश से तैयार होगी । (ग) पय टन संबंधी याकलाप िन न िलिखत के अधीन िविनयिम त ह गे, अथा त् : -
(i) पा रि थितक संवेदी जोन के भीतर सभी नए पय टन याकलाप या िव मान पय टन याकलाप का िव तार क ीय सरकार के पया वरण , वन और जलवायु प रवत न मं ालय के माग दश क िस ांत के ारा तथा रा ीय या संर ण ा िधकरण, ारा जारी पा रि थितक पय टन (समय-समय पर यथा संशोिधत) माग दश क िस ांत के अनुसार, पा रि थितक पय टन , पा रि थितक िश ा और पा रि थितक िवकास को मह व देते ए पा रि थितक संवेदी जोन क वहन मता के अ ययन पर आधा रत होगा;
(ii) पा रि थ ितक अनुकूल पय टक याकलाप के संबंध म अ थायी अिधभोग के िलए वास सुिवधा के िसवाय पीची वाजहनी व यजीव अभयार य क सीमा से एक कलोमीटर के भीतर होटल और रसोट का नया संिनमा ण अनु ात नह होगा ;
परंतु िव मान थापन का िव ता र आंचिलक महायोजना के अनुसार अनु ात कया जाएगा : परंतु संरि त े क सीमा से एक कलोमीटर क दूरी से परे पा रि थितक संवेदी जोन क सीमा तक नए होटल और रसोट क थापना पय टन महायोजना के अनुसार पा रि थितक पय टन सुिवधा के िलए पूव प रभािषत और िविन द थान म ही अनु ात कया जाएगा ।
(iii) आंचिलक महायोजना का अनुमोदन कए जाने तक, पय टन के िलए िवकास और िव मान पय टन याकलाप के िव तार को वा तिवक थल िविन द संवी ा तथा मानीटरी सिमित क िसफा रश पर आधा र त संबंिधत िविनयामक ािधकरण ारा अनु ात क या होगा ।
(4) नैस गक िवरासत ------पा रि थितक संवेदी जोन म मह वपूण नैस गक िवरासत के सभी थल जैसे सभी जीन कोश आरि त े , शैल िवरचनाएं, जल पात , झरन , घाटी माग , उपवन , गुफा , थल , मण , अ रोहण , पातो आ द क पहचान क जाएगी और उ ह प ररि त कया जाएगा तथा उनक सुर ा और संर ा के िलए इस अिधसूचना के काशन क तारीख से छह मास के भीतर, उपयु योजना बनाई जाएगी और ऐसी योजना आंचिलक महायोजना का भाग होगी ।
(5) मानव िन मत िवरासत थ ल --- पा रि थ ितक संवेदी जोन म भवन , संरच ना , िश प -त य , ऐितहािसक, कला मक और सां कृितक मह व के े क पहचान करनी होगी और इस अिधसूचना के अंितम काशन क तारीख से छह माह के भीतर उनके संर ण क योजनाएं तैयार करनी होगी तथा आंचिलक महायोजना म सि मिलत क जाएगी ।
(6) व विन व िन दूषण -- पा रि थितक संवेदी जोन म विन दूषण के िनयं ण के िलए रा य सरकार का पया वरण िवभाग, वायु ( दूषण िनवारण और िनयं ण ) अिधिनयम, 1981 (1981 का 14) और उसके अधीन बनाए गए िनयम के उपबंध के अनुसरण म माग दश क िस ांत और िविनयम तैयार करेगा ।
(7) वावावायु वा युयुयु दूषण दूषण दूषण -- पा रि थितक संवेदी जोन म , वायु दूषण के िनयं ण के िलए रा य सरकार का पया वरण िवभाग, वायु ( दूषण िनवारण और िनयं ण ) अिधिनयम, 1981 (1981 का 14) और उसके अधीन बनाए गए िनयम के उपबंध के अनुसरण म माग दश क िस ांत और िविनयम तैयार करेगा ।
(8) बिह ाव काकाका िन सारण -- पा रि थितक संवेदी जोन म उपचा रत बिह ाव का िन सारण , जल ( दूषण िनवारण तथा िनयं ण ) अिधिनयम, 1974 (1974 का 6) और उसके अधीन बनाए गए िनयम के उपबंध के अनुसार होगा ।
(9) ठोसठोसठोस अपिश ------ठोस अपिश का िनपटान िनम् निलिखत प म होगा -
(i) पा रि थितक संवेदी जोन म ठोस अपिश का िनपटान भारत सरकार के त कालीन पया वरण और वन मं ालय क समय-समय पर यथा संशोिधत अिधसूचना सं. का.आ. 908(अ), तारीख 25 िसतंबर, 2000 नगरपािलका ठोस अपिश ( बंध और हथालन) िनयम, 2000 के उपबंध के अनुसार कया जाएगा ; ¹Hkkx II µ[k.M 3 (ii) º Hkkjr dk jkti=k % vlk/kj.k 5
(ii) थानीय ािधकरण जैव िन ीकरणीय और अजैव िन ीकरणीय संघटक म ठोस अपिश के संपृथ न के िलए योजनाएं तैयार कर गे ;
(iii) जैव िन ीकरणीय साम ी को अिधमानतः खाद बनाकर या कृिम खेती के मा यम से पुनःच त कया जाएगा ;
(iv) अकाब िनक सा म ी का िनपटान पा रि थितक संवेदी जोन के बाहर पहचान कए गए थ ल पर कसी पया वरणीय वीकृत रीित म होगा और पा रि थितक संवेदी जोन म ठोस अपिश ट को जलाना या भ मीकरण अनु ात नह होगा ।
(10) जैव िच क सीसीय य अपिश ट - पा रि थितक संवेदी जोन म जैव िच क सीय अपिश का िनपटान भारत सरकार के त कालीन पया वरण और वन मं ालय क समय-समय पर यथासंशोिधत अिधसूचना सं.का.आ. 630 (अ) तारीख 20 जुलाई, 1998 ारा कािशत जैव िच क सीय अपिश ( बंध और हथालन) िनयम, 1998 के उपबंध के अनुसार कया जाएगा।
(11) यायायानीयया नीयनीयनीय प रवहन - प रवहन क यानीय गितिविधयां आवास के अनुकूल िविनयिमत ह गी और इस संबंध म आंचिलक महायोजना म िवशेष उपबंध अिधकिथत कए जाएंगे और आंचिलक महायोजना के तैयार होने और रा य सरकार के स म ािधकारी के ारा अनुमो दत होने तक, मानीटरी सिमित वृ िनयम और िविनयम के अनुसार यानीय गितिविधय के अनुपालन को मानीटर करेगी ।
(1(1(12(1 222)))) औ ोिगक इकाईयां --- (क) ता िवत पा रि थित क संवेदी जोन म िव िध के अनुसार था िप त िव मान का ठ आधा र त उ ोग के िस वाए नए का ठ आधा र त उ ोग क था पना को अनु ात नह क या जाएगा । (ख) जल, वायु, मृदा, व िन दूषण का र त करने वाले क सी नए उ ोग क ता िव त पा रि थितक संवेदी जोन म थापना को अनु ात नह क या जाएगा ।
444.4... पा रि थितक संवेदी जोनजोनजोन म म म ितिष औरऔरऔर िविनयिमत याकलाप क क क सूचीसूचीसूची --- पा रि थितक संवेदी जोन म सभी याकलाप पया वरण (संर ण ) अिधिनयम, 1986 (1986 का 29) के उपबंध और त ीन बनाए गए िनयम ारा शािसत ह गे और नीचे दी गई तािलका म िविन द रीित म िविनयिमत ह गे, अथा त् :--